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अन्तर्राष्ट्रीय

जाधव की मौत की सजा पर तुरंत अमल नहीं : पाकिस्तान

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में दोषी ठहराए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर जल्द अमल किए जाने से इनकार किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि जाधव की मौत की सजा पर तुरंत अमल नहीं किया जाएगा।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, आसिफ ने कहा कि कानून के तहत जाधव के लिए अपील के तीन मंच उपलब्ध हैं। जाधव का परिवार मुंबई में रहता है। मंत्री ने कहा कि जाधव के खिलाफ मुकदमा करीब साढ़े तीन महीने चला।
पाकिस्तान ने जाधव को मार्च 2016 में गिरफ्तार किया था। उसका आरोप है कि वह भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनलसिस विंग (रॉ) से जुड़े थे और यहां जासूसी तथा विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त थे।

आसिफ ने कहा कि जाधव खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले को 60 दिनों के भीतर पाकिस्तान सेना की अपीलीय अदालत में चुनौती दे सकते हैं। इसके बाद वह सेना प्रमुख तथा राष्ट्रपति  के पास दया याचिकाएं सौंप सकते हैं।
आसिफ ने भारत के इस दावे को खारिज किया कि यदि जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल होता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी। उन्होंने कहा कि मामले में समुचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की अखंडता व सुरक्षा के खिलाफ साजिश करने वाले तथा आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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