अन्तर्राष्ट्रीय
जर्मनी में गठबंधन सरकार को लेकर बातचीत असफल
बर्लिन, 20 नवंबर (आईएएनएस)| जर्मनी में नई गठबंधन सरकार के गठन को लेकर बीते कुछ सप्ताह से चल रही त्रिपक्षीय वार्ता असफल हो गई है। फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (एफडीपी) के वार्ता से पीछे हटने के बाद यह बातचीत असफल रही।
एफडीपी नेता क्रिस्टिएन लिंडनेर ने रविवार देर रात कहा, देश के आधुनिकीकरण और विश्वास के साझा आधार पर चारों वार्ताकारों के बीच कोई साझा दृष्टिकोण नहीं है।
द गार्डियन ने लिंडनेर के हवाले से बताया, बुरी तरह से शासन करने से अच्छा है कि शासन ही नहीं किया जाए..गुडबॉय।
चांसलर एंजेला मर्केल सितंबर में हुए संघीय चुनाव के बाद अपनी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू), क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू), एफडीपी और ग्रीन पार्टी के बीच गठबंधन का प्रयास कर रहीं हैं।
मर्केल ने इस वार्ता के असफल होने को ‘लगभग ऐतिहासिक दिन’ बताते हुए कहा कि शरणार्थी मुद्दे पर विभिन्न दलों के विचार अलग होने के बावजूद हम एक स्थिति पर पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने वार्ता से हटने के एफडीपी के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया।
मर्केल ने कहा, यह गहन विचार का दिन है कि देश में आगे किस तरह से बढ़ा जाए। चांसलर के रूप में मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि आने वाले कठिन दिनों में देश को अच्छे से प्रबंधित किया जाए।
बीबीसी के मुताबिक, इस वार्ता के असफल होने के नतीजे का अभी पता नहीं है लेकिन मर्केल का अभी राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमीयर से मिलना बाकी है।
जर्मन के समाचार पत्र फ्रैंकफुर्टर एलेजेमाइन जेटुंग ने रविवार रात को हुए इन घटनाक्रमों को मर्केल के 12 साल के शासन का सबसे बुरा संकट बताया।
संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सोशल डेमोक्रेट ने मर्केल के साथ गठबंधन सरकार में लौटने से इनकार किया है।
द गार्डियन ने पार्टी नेता मार्टिन शुल्ज के हवाले से बताया, मतदाताओं ने इस व्यापक गठबंधन को नकार दिया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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