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‘जर्मनी की ‘आयरन लेडी’ ने कभी दबना नहीं सीखा’

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नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)| एंजेला मर्केल एक बार फिर इतिहास दोहरा चुकी हैं। वह जर्मनी के संघीय चुनाव में जीत दर्ज कर चौथी बार देश की चांसलर बनने जा रही हैं। हालांकि, उनकी यह जीत उतनी आसान नहीं रही। इस बार शरणार्थी संकट, बेरोजगारी और हिचकोले खाती देश की अर्थव्यवस्था जैसे कुछ ऐसे मुद्दे थे, जो मर्केल की उम्मीदों पर पानी फेर सकते थे, लेकिन मर्केल ने अपने करिश्माई व्यक्तित्व के कारण यह अग्निपरीक्षा पास कर ली।

एंजेला विश्व की एकमात्र ऐसी महिला नेता हैं, जो अपने बूते परिवर्तन लाने का माद्दा रखती हैं। वह कई मायनों में दुनिया के अगुवा पुरुष नेताओं को भी पीछे छोड़ देती हैं। उन्हें जमीन से जुड़ी हुई नेता के तौर पर देखा जाता है, जो हर चीज पर कड़ा होमवर्क करती हैं।

एंजेला के करिश्माई व्यक्तित्व के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफेसर हर्ष पंत कहते हैं, एंजेला मर्केल की गिनती उन गिने-चुने नेताओं में की जाती है, जिनके बिना कोई भी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अधूरा माना जाता है। वह हर चीज पर कड़ा होमवर्क करती हैं। उनका हर मुद्दे पर अपना रुख है, जिस पर वह अडिग रहती हैं।

एंजेला को राजनीतिक गुर विरासत में मिले हैं। उनकी मां सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य थीं, जो महिलाओं के मुद्दे पर काफी मुखर थीं। यही गुर एंजेला में भी हैं। वह महिलाओं की समस्याओं को कभी नजरअंदाज नहीं करतीं और महिला वर्ग में उनकी अच्छी पैठ होने का यही कारण है।

एंजेला साल 2000 से क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) पार्टी से जुड़ी थीं और 2005 में देश की पहली महिला चांसलर बनीं। उन्होंने ने साल 2013 में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी पर फोन टैप करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। वह यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने यूरोपीय सम्मेलन में अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा था, दोस्तों में जासूसी कभी स्वीकार नहीं की जाती।

एंजेला की सीडीयू और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) पार्टी के गठबंधन को लगभग 34 फीसदी वोट मिले हैं। हालांकि, एंजेला की पार्टी का जनाधार पिछले चुनाव की तुलना में घटा है।

जनाधार घटने के सवाल पर प्रोफेसर पंत कहते हैं, एंजेला असल मायने में आयरन लेडी हैं। उन्होंने दबना कभी सीखा ही नहीं, चाहे सामने अमेरिका ही क्यों न हो। शरणार्थी संकट पर उनका अडिग रुख भौंहे फैलाने वाला था। शरणार्थी मुद्दे पर उनके फैसले से जनता के एक बड़े वर्ग में रोष था, लेकिन इस नाराजगी के बावजूद वह अपने फैसले से डिगीं नहीं।

वह कहते हैं, जनाधार घटने के बावजूद एंजेला का जादू एक बार फिर चला है। वह इतनी असरदार नेता हैं कि उन्होंने देश की राजनीति में किसी भी सशक्त नेता को उभरने का मौका ही नहीं दिया।

एंजेला के व्यक्तित्व को करीब से समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें दो बार विश्व की दूसरी सबसे प्रभावशाली शख्स का तमगा दिया है।

बहुत कम लोग जानते हैं कि आमतौर पर ‘लीडर ऑफ द फ्री वर्ल्ड’ के नाम से लोकप्रिय एंजेला मर्केल राजनीति में आने से पहले वैज्ञानिक थीं। इस पर चुटकी लेते हुए पंत कहते हैं, वैज्ञानिक होने के इसी गुण की वजह से वह हर मुद्दे की तह तक जाने और उसका समाधान खोजने की आदी हैं।

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नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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