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जम्मू एवं कश्मीर में लगातार 5वें दिन सीमा पर शांति

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जम्मू एवं कश्मीर में लगातार 5वें दिन सीमा पर शांति

जम्मू | जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर शनिवार को लगातार पांचवें दिन शांति है, जिसके बाद गांवों में लोग अपने घरों को लौट आए हैं। कई परिवार फसलों की कटाई, मवेशियों की देखभाल जैसे अपने नियमित कामकाज के लिए घरों को लौट आए हैं। वहीं बच्चों ने जम्मू, सांबा, कठुआ, पुंछ और राजौरी जिले में स्थित सीमा पर स्कूल जाना शुरू कर दिया है।

अंतर्राष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान रेंजर्स और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा गोलीबारी नहीं होने से शांति है। आर.एस.पुरा सेक्टर में किसानों ने ‘बासमती’ धान की कटाई शुरू कर दी है।

सुचेतगढ़, सांबा, हीरानगर, कठुआ और अन्य स्थानों पर भी कृषि से संबंधित ऐसी गतिविधियां देखी जा रही हैं। पाकिस्तान की ओर से अंधाधुंध गोलीबारी के कारण सीमा क्षेत्रों से लोगों के पलायन के कारण यहां मवेशी लावारिस हालत में पड़े थे। लेकिन अब मालिक उनकी देखभाल के लिए पहुंच गए हैं।

गोलीबारी के कारण इन इलाकों में बंद स्कूल पिछले पांच दिनों की शांति के बाद खुल गए हैं और बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है। गोलीबारी के कारण पांच जिलों में करीब 400 स्कूल प्रभावित हुए।

जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना और अंतरीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की उच्च स्तरीय सतर्कता बनी हुई है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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