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जगद्गुरू कृपालु परिषत् को मिला चंद्रदत्त सेनानी शताब्दीे सम्माान

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जगद्गुरू कृपालु परिषत्, डा. विशाखा त्रिपाठी, चंद्रदत्त सेनानी शताब्दीग सम्मा‍न, श्री चंद्रदत्त सेनानी स्मा रक न्यागस, रामपुरी

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जगद्गुरू कृपालु परिषत्, डा. विशाखा त्रिपाठी, चंद्रदत्त  सेनानी शताब्दीग सम्मा‍न, श्री चंद्रदत्त  सेनानी स्मा रक न्यागस, रामपुरी

jkp

प्रतापगढ़। समाज के लिए किए गए उत्‍कृष्‍ट सेवाओं में विशेष योगदान के लिए स्‍वाधीनता सेनानी श्री चंद्रदत्‍त सेनानी की पुण्‍यतिथि के अवसर पर शताब्‍दी सम्‍मान समारोह में जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्‍यक्ष सुश्री डा. विशाखा त्रिपाठी को अखिल भारतीय श्री चंद्रदत्‍त सेनानी स्‍मारक न्‍यास की ओर से श्री चंद्रदत्‍त सेनानी सम्‍मान प्रदान किया गया। उप्र के प्रतापगढ़ में आयोजित एक भव्‍य समारोह में परिषत् के प्रतिनिधि रामपुरी ने यह सम्‍मान ग्रहण किया।

इस अवसर पर रामपुरी ने कहा कि जगद्गुरू कृपालु परिषत् ने श्रीकृपालु जी महाराज की प्रेरणा व उनकी पुत्री एवं परिषत् की अध्‍यक्षा सुश्री डा. विशाखा त्रिपाठी जी के कुशल मार्गदर्शन में समाजसेवा का जो बीड़ा उठाया है उसको आगे बढ़ाने की प्रेरणा इस तरह के सम्‍मान से प्राप्‍त होती है। सामाजिक कार्यों की सराहना जब समाज के ही प्रतिष्ठित लोगों द्वारा की जाती है तो कार्य करने का हौसला और भी बढ़ जाता है।

सुश्री डा. विशाखा त्रिपाठी ने कहा कि समाज के प्रति समपर्ण की जो भावना हम लोगों ने श्रीमहाराज के व्‍यक्तित्‍व में देखी थी उसी का यह परिणाम है कि उनके ब्रह्मलीन होने के बावजूद भी उन्‍ही के दिखाए मार्ग पर हमलोग आगे बढ़ रहे हैं। सुश्री त्रिपाठी ने विश्‍वास दिलाया कि श्रीमहाराज जी द्वारा शुरू किए गए समाजसेवा के सभी प्रकल्‍प समाज के ही सहयोग से निर्बाध रूप से चलते रहेंगे।

बता दें कि जगद्गुरू कृपालु परिषत् के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद की कुण्डा तहसील में स्थित मनगढ़ आश्रम में जगद्गुरू कृपालु परिषत् शिक्षण संस्थान बालिका शिक्षा के लिए अभूतपूर्व कार्य करने वाली एकमात्र ऐसी संस्था है जो प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक मुफ्त शिक्षा बालिकाओं को मुहैया कराती है।

संस्थान द्वारा बालिकाओं को प्राइमरी से लेकर डिग्री स्तर तक  न कवल मुफ्त शिक्षा ही प्रदान करवाई जाती है अपितु इन बालिकाओं के शिक्षा संबंधी सभी जरूरतों को भी पूरा किया जाता है। यह महान कार्य जगद्गुरू कृपालु जी महाराज के आशीर्वाद की छाया तले उनकी पुत्री सुश्री डा. विशाखा त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन में सुचारू रूप से चल रहा है। संस्थान के विद्यालयों व कालेजों में पढऩे वाली छात्राओं की संख्या लगभग साढ़े चार हजार है जिसमें 65 प्रतिशत संख्या। अल्पसंख्यक  वर्ग के मुस्लिम समाज की है। इन छात्राओं को उनके घर से विद्यालय तक लाने और पंहुचाने का कार्य भी इस संस्था द्वारा ही किया जाता है।

गौरतलब है कि जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षा सुश्री डा. विशाखा त्रिपाठी को इससे पूर्व कई अवार्डों व पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जिसमें इण्डियन आईकन अवार्ड, इकोनॉमिक ग्रोथ सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा दिया जाने वाला नेल्सन मंडेला पीस अवार्ड, वर्ष 2013 के राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड, समाज में महिलाओं के सशक्ति करण हेतु काम करने के लिए दिया जाने वाला नारी टुडे अवार्ड, ‘इकनोमिक ग्रोथ सोसाइटी ऑफ इंडिया’ द्वारा मदर टेरेसा एक्सीलेंस अवार्ड शामिल है।

 

 

 

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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