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छग : पहाड़ी पर हत्या मामले में आबकारी आरक्षक समेत 7 गिरफ्तार
महासमुंद, 24 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की खगारी पहाड़ी पर 21 जनवरी को शिक्षाकर्मी जगदीश मिंज की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने मामले में एक आबकारी आरक्षक और एक शिक्षक समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
महासमुंद क्राइम ब्रांच और खगारी पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि मृतक तंत्र-मंत्र से रुपये बढ़ाने के चक्कर में था। आरोपियों ने झांसा देकर जगदीश से तीन लाख रुपये मंगवाए और रकम लेने के बाद उसकी हत्या कर दी।
एसपी संतोष कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि मामले में तीन तथाकथित तांत्रिक, एक आबकारी आरक्षक और एक शिक्षक समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि जगदीश के पोस्टमार्टम में हत्या की बात सामने आई थी जिसके बाद भीमखोज में लगे सीसीटीवी फुटेज, मृतक की मोबाइल की कॉल डिटेल को खंगाला गया। फुटेज में जगदीश मिंज अपने सफेद रंग की एक्टिवा में किसी अज्ञात के साथ आता दिखाई दिया था।
पुलिस ने घटनास्थल से चंदन एवं तेल लगा पत्ते का गोला बरामद किया जिसके बाद क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमों ने आरोपियों की तलाश शुरू की। टीम ने मृतक के स्कूटर पीछे शख्स की पहचान नरेंद्र नाम के शख्स के रूप में की और उसे गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर हत्यारोपी मनहरण गोस्वामी, रामअवतार चक्रधारी, मोहम्मद मुर्तजा, मदनलाल ध्रुव, वीरेंद्र कुमार कोसले को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 120 बी, 201 के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें नरबलि की धारा जोड़ी जाएगी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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