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चौथी बार भी नहीं बिका विजय माल्या का किंगफिशर हाउस

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मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों के समूह ने उद्योगपति विजय माल्या के किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए अपने कर्ज की वसूली के लिए माल्या की संपत्ति किंगफिशर हाउस की सोमवार को चौथी बार नीलामी की कोशिश की, जो असफल रही। हालांकि इस बार पिछली बार के मुकाबले आधार कीमत में 10 फीसदी कमी की गई थी।

किंगफिशर हाउस जो कभी किंगफिशर एयरलाइंस का कारपोरेट कार्यालय हुआ करता था, इसकी सोमवार को हुई नीलामी के लिए 103.5 करोड़ रुपये आरक्षित कीमत रखी गई थी।

वहीं, माल्या की एक दूसरी संपत्ति उत्तरी गोवा स्थित किंगफिशर विला है जहां भगोड़े उद्योगपति भव्य पार्टियों की मेजबानी किया करते थे। नीलामी में इसकी कीमत 73 करोड़ रुपये रखी गई थी जो कि दिसंबर में आयोजित की गई तीसरी नीलामी की कीमत से 10 फीसदी कम है। लेकिन इस बार भी यह नीलाम नहीं हो पाया।

एसबीआई कैप्स ट्रस्टी कर्जदार की तरफ से माल्या की संपत्ति की नीलामी कर रही है। इसके एक अधिकारी ने संवादादाताओं को बताया कि हालांकि संपत्ति की नीलामी के बारे में कई लोगों ने पूछताछ की थी, लेकिन बोली लगाने कोई सामने नहीं आया।

यूनाइटेड बेवरीज होल्िंडग (यूबीएचएल) की स्वामित्व वाली संपत्ति किंगफिशर विला को किंगफिशर एयरलाइन को दिए गए कर्ज के लिए गिरवी रखा गया था।

शराब कारोबारी माल्य कर्जा चुकाने से पहले ही पिछले साल मार्च में देश से फरार हो गए और वर्तमान में ब्रिटेन में हैं। माल्या पर 17 बैंकों का कुल 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। इन बैंकों ने एसबीआई की अगुवाई में माल्या को ‘जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाला’ घोषित किया है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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