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अन्तर्राष्ट्रीय

चेक गणराज्य अपने सैनिकों को हंगरी भेजेगा

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प्राग| चेक गणराज्य की सरकार ने सोमवार को दो माह के लिए शेंगेन सीमा की निगरानी में सहायता करने के लिए 25 सैनिकों और इंजीनियरिग उपकरणों को हंगरी भेजने की मंजूरी दे दी है। यह जानकारी देश के रक्षा मंत्री मार्टिन स्ट्रोप्निकी ने दी। चेक गणराज्य की सरकार ने लक्जमबर्ग में प्रवासी संकट पर यूरोपीय संघ के आंतरिक मंत्रालयों की गुरुवार की बैठक के लिए आतंरिक मामलों के मंत्री मिलान चोवानेक के एक शासनादेश को भी मंजूरी दे दी है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आतंरिक मामलों के मंत्री चोवानेक भी प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह यूरोपीय संघ में शरणार्थियों का स्थायी पुनर्वितरण तंत्र बनाने का विरोध जारी रखेंगे।

रक्षा मंत्री मार्टिन स्ट्रोप्निकी ने कहा कि चेक गणराज्य के सैनिक 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक हंगरी में तैनात रहेंगे।

रक्षा मंत्रालय सीमा पर बाड़ के खंभे तैयार करने के लिए माल ढोने के लिए ऑपरेटर सहित पांच ट्रक और 10 फील्ड किचन भेजेगा। प्रत्येक फील्ड किचन 60 लोगों के लिए खाना बना सकता है। पूरी लागत चेक गणराज्य का रक्षा मंत्रालय उठाएगा।

उन्होंने कहा कि यह मदद का पहला चरण है और इसे आगे बढ़ाने की संभावना है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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