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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन का नया पैंतरा, नक्‍शा जारी कर बार्डर इलाके पर दिखाया कब्‍जा

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भारत और भूटान से सीमा विवाद पर चीन ने नया दांव चला है। चीन ने नया नक्शा जारी कर उसमें गतिरोध वाली जमीन पर दावा किया है। अपने दावे को आगे बढ़ाते हुए चीन ने कहा है कि भारत ने उसकी जमीन में दखल दिया है। इसके अलावा चीन ने अब एक नक्शा जारी किया है, जिसमें गतिरोध वाले क्षेत्र को दिखाया गया है। साथ ही साथ चीन ने भारत-चीन-भूटान त्रिकोणीय जंक्शन पर भी दावा किया है।

मानचित्र का दावा है कि भारतीय सेना ने डोकाला पास पर सीमा पार की। डॉकलाम पठार को भारत और भूटान भूटानी क्षेत्र के रूप में देखते हैं, लेकिन इस पर चीन की ओर से दावा किया जाता है। ये नक्शा शुक्रवार को जारी किया गया है। चीनी त्रिकोणीय जंक्शन को एक तीर द्वारा दर्शाया गया है, जो दावा करता है कि यह 1890 में ब्रिटिश-चीन संधि के अंतर्गत है।

पिछले 4 दिनों से पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम से सटे चीन के बॉर्डर पर तनाव है। भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों पर बॉर्डर में घुसने और सड़क निर्माण का काम रोकने का आरोप लगाया है।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

पिछले कुछ दिनों से सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग में चीन के सड़क बनाने का भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसके बाद चीनी सैनिकों ने सिक्किम सेक्टर में भारत के दो पुराने बंकरों को तोड़ दिया। चीन इसे अपनी सीमा में बता रहा है। भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की इस कार्रवाई की विरोध किया। चीन-भारत सीमा विवाद का इतिहास काफी लंबा है। दोनों देशों के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो जम्मू-कश्मीर से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक है। इसमें 220 किलोमीटर का हिस्सा सिक्किम में पड़ता है, चूंकि इस इलाके में बॉर्डर लाइन पूरी तरह स्पष्ट नहीं है इसलिए कोई स्पष्ट आधार नहीं है सीमा का।

चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि उम्मीद है कि देश अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करें। चीन-भूटान सीमानिरूपित नहीं है, किसी तीसरे पक्ष को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए तथा गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी या कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। चीन ने भारत पर गुप्त एजेंडे का आरोप लगाया और कहा कि अगर कोई तीसरा पक्ष, गुप्त एजेंडे से हस्तक्षेप करता है तो यह भूटान की संप्रभुता का अपमान है। हम ऐसा नहीं देखना चाहते क्योंकि भूटान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा संप्रभुता का हकदार है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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