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चिटफंड घोटाला: पॉल ने खुद को निर्दोष व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को बताया जिम्मेदार
भुवनेश्वर/कोलकाता। रोज वैली चिट फंड घोटाला मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पॉल ने रविवार को कहा कि वक्त के साथ उनकी बेगुनाही साबित हो जाएगी। पॉल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। भुवनेश्वर में अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराने के बाद सीबीआई की कार में बैठने के दौरान पॉल ने कहा, “मैं निर्दोष हूं। मैं बिल्कुल भी दोषी नहीं हूं। सब कुछ बाद में साबित हो जाएगा।”
पॉल ने सख्ती से इस बात का खंडन किया कि उन्होंने चिट फंड कंपनी से आर्थिक लाभ उठाया है। उन्होंने कहा, “मैं अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करता हूं। मैं इसी तथ्य को जानता हूं कि मैंने किसी से आर्थिक लाभ नहीं उठाया है।”
पॉल ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो करोड़ों के रोज वैली चिट फंड घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने कहा, “बाबुल सुप्रियो ने मुझसे घोटाले के संबंध में छलकपट किया। वह इस घोटाले में शामिल हैं। कई करोड़ के इस चिटफंड घोटाले में अन्य मंत्री भी शामिल हैं।” पॉल ने कहा कि उनकी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
अभिनेता से नेता बने पॉल की पत्नी नंदिनी पॉल ने अपने पति की गिरफ्तारी को राजनीति प्रेरित बताया।
नंदिनी ने कहा, “उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है। उन्होंने रोज वैली द्वारा निर्मित एक फिल्म का निर्देशन किया था। इसके लिए उन्हें चेक से मासिक मेहनताना कर की कटौती के बाद मिलता था। उन्होंने इस मेहनताने के अलावा और कुछ नहीं लिया।”
पॉल को शुक्रवार को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। शुक्रवार देर शाम ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें भुवनेश्वर लाया गया। यहां स्थित सीबीआई के विशेष मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया।
नेशनल
बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्ट में फेल गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।
जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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