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अन्तर्राष्ट्रीय

ग्रीस सीमा पर मुंह को सिलकर प्रदर्शन

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एथेंस| ईरान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के 200 लोगों ने ग्रीस की सीमा पर प्रदर्शन किया। इनमें से कुछ ने अपने मुंह सिल रखे थे। प्रदर्शन शरणार्थियों की जांच के बारे में बनाई गई नई प्रक्रियाओं के खिलाफ किया गया। नए नियमों की वजह से ग्रीस सीमा पर करीब 1,000 शरणार्थी फंसे हुए हैं। शरणार्थी मामलों के संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने मंगलवार को कहा कि सर्बिया से लगी ग्रीस सीमा पर फंसे लोगों की निराशा बढ़ने के बीच हुए इस प्रदर्शन में 11 लोगों ने अपने मुंह सिल रखे थे। 60 लोग भूख हड़ताल कर रहे हैं।

यूएनएचसीआर ने बताया कि सीरिया, अफगानिस्तान और इराक के लोगों को सीमा पार करने की इजाजत दे दी गई थी, लेकिन अन्य देशों से आए लोगों को जांच की नई रूपरेखा और अन्य प्रतिबंधों की वजह से सीमा पर ही रोक दिया गया था।

यूएनएचसीआर ने कहा है, “यूरोप में एक नई मानवीय स्थिति पैदा हो रही है जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।”

यूएनएचसीआर ने चेताया है कि शरणार्थियों और आव्रजकों का ग्रीस के रास्ते यूरोप तक आना जारी रह सकता है।

संयुक्त राष्ट्र संस्था ने कहा है कि यह अफरातफरी कई और लोगों को मानव तस्करों के चंगुल में ढकेल सकती है।

पेरिस स्थित थिंक टैंक ओईसीडी के मुताबिक, मध्य-पूर्व, अफ्रीका और एशिया में संघर्ष तथा गरीबी की वजह से इस साल कम से कम 10 लाख लोग यूरोप में शरण लेना चाहेंगे।

इस साल अब तक मध्य-पूर्व, अफ्रीका और एशिया के 7,50,000 लोग शरण की आस में यूरोप पहुंच चुके हैं। इनमें से अधिकांश ग्रीस के रास्ते यहां पहुंचे हैं। इसे विश्व की अब तक की सबसे बड़ी आव्रजन समस्या बताया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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