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अन्तर्राष्ट्रीय

गिलगिट-बाल्टीस्तान में मतदान शुरू

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित गिलगिट-बाल्टीस्तान विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को मतदान शुरू हो गया है। चुनाव में विधानसभा के 24 सदस्यों के निर्वाचन के लिए करीब 60 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। ‘डॉन’ समाचार पत्र की वेबसाइट के मुताबिक, चुनाव के लिए सभी प्रशासनिक और सुरक्षा प्रबंध कर लिए गए हैं।

पाकिस्तानी सेना की आठ टुकड़ी इलाके में तैनात की गई है।

गिलगिट-बाल्टीस्तान के सात जिले में 1,143 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और सेना की निगरानी में मतपत्र मतदान केंद्रों में भेज दिए गए हैं।

मतदान शाम पांच बजे तक जारी रहेगा।

विधानसभा चुनाव में कुल 272 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

इधर, भारत का हालांकि, कहना है कि यह चुनाव क्षेत्र पर अवैध तथा बलपूर्वक बनाए गए कब्जे को पाकिस्तान द्वारा छद्म आवरण से छिपाने की कोशिश है और यह इसके लोगों को राजनीतिक अधिकार से वंचित रख रहा है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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