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कौशल विकास नीति को कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने भारत की प्रथम एकीकृत कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए राष्ट्रीय नीति 2015 को मंजूरी दे दी। इसकी घोषणा गुरुवार को की गई। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन का लक्ष्य देश में कौशलयुक्त गतिविधि को लागू करने के लिए एक मजबूत संस्थागत संरचना उपलब्ध कराना है, जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “इसका विजन उच्च मानकों सहित रफ्तार के साथ बड़े पैमाने पर कौशल प्रदान करते हुए सशक्तीकरण की व्यवस्था तैयार करना और उद्यमिता पर आधारित नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना, जो देश में सभी नागरिकों की स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए धन एवं रोजगार का सृजन कर सके।” इसके मुताबिक, इस नीति का मुख्य ध्यान महिलाओं के लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता कार्यक्रम शुरू करना है।
इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए नीति के चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाना है। यह नीति कम अपेक्षित मूल्य, औपचारिक शिक्षा से एकीकरण का अभाव, निष्कर्ष पर ध्यान देने का अभाव, प्रशिक्षण के लिए अच्छी बुनियादी सुविधाओं और प्रशिक्षकों का अभाव, आदि सहित कौशल संबंधी प्रमुख बाधाओं को दूर करती है। इतना ही नहीं, नीति वर्तमान खामियों को दूर करते हुए, उद्योग से संबंध को बढ़ावा देते हुए, गुणवत्तापूर्ण भरोसेमंद प्रारूप के परिचालन, प्रौद्योगिकी को बल प्रदान करने और प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के व्यापक अवसरों को बढ़ावा देते हुए कौशल के लिए आपूर्ति एवं मांग को व्यवस्थित रखती है।
नीति में निष्पक्षता पर ध्यान दिया गया है, जो सामाजिक/भौगोलिक रूप से हाशिये पर रहने वालों और वंचित वर्गो के लिए कौशल अवसरों पर लक्षित करती है। राष्ट्रीय कौशल विकास अभियान तीन स्तरीय होगी, उच्च क्षमता से लैस निर्णय लेने वाली संरचना होगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला इसका शासकीय परिषद मार्गदर्शन करेगा और नीतिगत निर्देश देगा। इसकी परिचालन कमेटी की अध्यक्षता कौशल विकास के प्रभारी मंत्री करेंगे, जो कमेटी शासकीय परिषद के निर्देश पर अभियान की गतिविधि की समीक्षा करेगी। इससे पहले कौशल विकास की राष्ट्रीय नीति का प्रतिपादन 2009 में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने किया था। मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को नई दिल्ली में हुई, जिसकी अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
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जनता-जनार्दन ने 4 चरणों में ही इंडी गठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया है : पीएम मोदी
फतेहपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूपी के फतेहपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। जनसभा की शुरुआत में उन्होंने कहा कि आज एक तरफ देशहित के लिए समर्पित भाजपा-एनडीए गठबंधन है और दूसरी तरफ देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए इंडी गठबंधन है। सपा-कांग्रेस तुष्टिकरण के आगे घुटने टेक चुकी हैं। मोदी जब इनकी सच्चाई देश को बता रहा है तो ये कहते हैं कि मोदी हिंदू मुसलमान कर रहा है। आज पूरा देश पूरी दुनिया जानती है कि मोदी सरकार की हैट्रिक बनने जा रही है। अभी देश में 4 चरण के चुनाव हुए हैं लेकिन जनता-जनार्दन ने इन 4 चरणों में ही इंडी गठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया है। भानुमति का कुनबा बिखरने लगा है, उसने हथियार डाल दिए हैं। पंजे और साइकिल के सपने टूटकर ‘खटाखट-खटाखट’ बिखर गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बचे हुए चुनाव में कोई मेहनत भी नहीं करना चाहता। इंडी गठबंधन के कार्यकर्ता पहले से ही निराश थे, अब उन्होंने घर से निकलना ही छोड़ दिया है। इन चार चरणों में ही इंडी गठबंधन चारों खाने चित हो गया है। आपको पता होगा कि मैंने कहा था कि ये शहजादे केरल के वायनाड से भागेंगे। मैंने कहा था कि वो अमेठी की तरफ जाने की हिम्मत नहीं करेंगे, ये खबर भी पक्की निकली। उन्होंने कहा कि आगे की खबर ये है कि इज्जत बचाने के लिए अब कांग्रेस ने ‘मिशन 50’ रखा है। मतलब कैसे भी करके पूरे देश में 50 सीटें मिल जाए, ये कांग्रेस का लक्ष्य है। अब, 4 जून के बाद की प्लानिंग हो रही है कि हार का ठीकरा किस पर फोड़ा जाए। मुझे तो कोई बता रहा था कि विदेश यात्रा का टिकट भी बुक हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और सपा दोनों के सारे गुण मिलते हैं। दोनों परिवारवाद को समर्पित हैं और भ्रष्टाचार के लिए राजनीति में हैं। दोनों अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। दोनों अपराधियों और माफियाओं को बढ़ावा देती है।
सपा-कांग्रेस आतंकवादियों से हमदर्दी रखती है। सपा-कांग्रेस को लगता है कि ये हमारे समाज को तोड़कर अपना काम बना लेंगे, इसलिए, इनके हौंसले बढ़ गए हैं। कांग्रेस के शहजादे राम मंदिर (Ram Temple) पर ताला डलवाने का ख्वाब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा के बड़े नेता कहते हैं कि राम मंदिर तो बेकार है। इनके गठबंधन के लोग कहते हैं कि सत्ता में आकर सनातन धर्म का विनाश कर देंगे। सपा सरकार में यूपी अपराध में टॉप पर होता था। लेकिन, विकास के मामले में यूपी की गिनती पिछड़ी प्रदेश के तौर पर होती थी। आज भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को विकास में टॉप पर ले आई है। आज यूपी सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाले राज्यों में टॉप पर है। सबसे ज्यादा एयरपोर्ट के मामले में यूपी टॉप पर है। यूपी सात शहरों में मेट्रो शुरू करके टॉप पर है। यही नहीं गरीब कल्याण की जो योजनाएं मैं चलाता हूं, यूपी उनमें भी टॉप पर है।
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