अन्तर्राष्ट्रीय
कौन है 2030 से वापस लौटा ये शख्स, लाई डिटेक्टर टेस्ट में किए कई भयानक खुलासे
वॉशिंगटन। अभी तक आपने हॉलीवुड फिल्मों में ऐसा देखा होगा कि कोई शख्स भविष्य से लौटकर वापस वर्तमान में आ गया हो लेकिन अमेरिका के रहने वाले एक शख्स ने दावा किया है कि वह साल 2030 से वापस लौटकर आया है। उसका कहना है कि उसने वहां कई सारी चीज़ें देखी हैं।
इस व्यक्ति का नाम ‘नोहा’ है। अमेरिका में एक रेडियो इंटरव्यू में उसने ये सारी बातें बताई हैं। इन सब में हैरान करने वाली बात ये है कि इस व्यक्ति ने लाई डिटेक्टर टेस्ट को भी पास किया है जिसमें ये पता चला कि ये शख्स सच बोल रहा है।
नोहा का कहना है कि वह 2030 में जाकर आए है। उसने बताया कि सभी विवादों के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगली बार भी प्रेसीडेंट चुने जाएंगे। 2020 तक हमारे में ऐसे रोबोट्स होंगे जो घर का सारा काम अकेले कर लेंगे।
नोहा ने कहा कि 2028 तक इंसान मंगल ग्रह में आना जाना शुरू कर देगा। इसके अलावा 2030 कैंसर जैसी बीमारी का आसानी से इलाज हो सकेगा। वहीं टाइम ट्रैवल और टाइम मशीन का इस्तेमाल आम हो जाएगा।
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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