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कोलकाता : पूजा पंडाल में भगदड़, संस्था पर मामला दर्ज
कोलकाता | पुलिस ने पूजा पंडाल में भगदड़ की एक छोटी घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोजकों के खिलाफ नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। आयोजकों ने पंडाल में मां दुर्गा की एक ऐसी प्रतिमा स्थापित की है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी दुर्गा प्रतिमा है। पुलिस का कहना है कि रविवार रात देशप्रिया पार्क के पंडाल में हुई भगदड़ में तीन लोग घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घायलों की संख्या 10 से अधिक है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा तय नियमों के उल्लंघन पर पूजा समिति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अदालत ने पंडाल की ऊंचाई अधिकतम 40 फुट तय की है, लेकिन इस पंडाल की ऊंचाई इससे भी अधिक है। भगदड़ के बाद पुलिस आयुक्त सुरोजित कार पुरकायस्थ ने रविवार देर रात कहा कि आयोजकों ने जरूरी अनुमतियां नहीं ली थी।
देशप्रिया पार्क पंडाल बीते कई महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया और अन्य जगहों पर दिए गए विज्ञापनों में दावा किया गया था कि यहां दुनिया की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सीमेंट और फाइबर ग्लास से बनी प्रतिमा को इसके विशाल आकार की वजह से पंडाल के बाहर खुले आसमान के नीचे रखना पड़ा। आयोजकों ने गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड को भी लिखा था कि वह इसे दुनिया की सबसे बड़ी दुर्गा प्रतिमा (80 से 100 फुट के बीच) के रूप में मान्यता दे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को इस पंडाल में पूजा समारोहों का उद्घाटन किया था।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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