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कोयला घोटाले की सुनवाई स्थगित

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने बुधवार को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के उस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सम्मन जारी किया गया था।

विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने सुनवाई की तिथि 21 दिसंबर मुकर्रर की, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई पर रोक लगा दी है। निचली अदालत कुमार मंगलम बिड़ला के स्वामित्व वाली कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा में तालाबीरा 2 कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी.सी.पारेख, हिंडाल्को व इसके एक वरिष्ठ अधिकारी डी.भट्टाचार्य को जारी सम्मन पर रोक लगा दी है। कुमार मंगलम बिड़ला के स्वामित्व वाली कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा में तालाबीरा 2 कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर निचली अदालत द्वारा 11 मार्च को जारी सम्मन को लेकर मनमोहन सिंह ने 25 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए अदालत ने मनमोहन सिंह, बिड़ला व पारेख को सम्मन जारी किया था।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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