मुख्य समाचार
केरल : रेलवे के कम्प्यूटरों पर रैनसमवेयर का तगड़ा अटैक
पलक्कड़ (केरल)। दुनिया भर के 150 से अधिक देशों में साइबर हमला कर चुकी फिरौती वायरस ‘वानाक्राई’ का नया शिकार मंगलवार को भारत में केरल के पलक्कड़ रेलवे कार्यालय के 23 कंप्यूटर हुए हैं। एक दिन पहले ही केरल के चार पंचायत कार्यालयों पर भी रैनसमवेयर हमला हुआ था।
रेलवे अधिकारियों द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि कार्यालय में लगे 500 कंप्यूटरों में 23 कंप्यूटर फिरौती वायरस के हमले का शिकार हुए हैं।
हालांकि वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि प्रभावित कंप्यूटरों के डाटा पहले ही सुरक्षित रख लिए गए थे और उनके प्रिंट भी निकाल लिए गए थे, इसलिए रैनसमवेयर हमले से डाटा को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
वक्तव्य में कहा गया है, “23 कंप्यूटर रैनसमवेयर हमले का शिकार हुए और उन पर डिजिटल मुद्रा ‘बिटकॉइन’ के रूप में फिरौती की रकम मांगने संबंधी संदेश दिखाई दिया। संदेश में चेतावनी दी गई थी कि अगर फिरौती की रकम नहीं दी गई तो कंप्यूटर में सेव डाटा हमेशा के लिए नष्ट कर दिए जाएंगे। चूंकि कर्मचारियों की नौकरी से जुड़े कंप्यूटर में सेव दस्तावेजों को पहले ही सुरक्षित कर लिया गया था, लिए जो भी परेशानी हो रही है, वह अस्थायी है।”
वक्तव्य में कहा गया है कि रेलवे ने टिकटों की बिक्री और अन्य यात्री सुविधाओं के लिए दूसरे कंप्यूटरों का इस्तेमाल किया।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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