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प्रादेशिक

कुल्लू घाटी की पावन यात्रा लिपिबद्ध

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कुल्लू घाटी की पावन यात्रा, लिपिबद्ध, कुल्लू दशहरे के अवसर, तीन किताबों का विमोचन, कुल्लू घाटी के लुभावने पर्यटन स्थलों, 'पवित्र यात्रा'

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विशाल गुलाटी
कुल्लू| कुल्लू दशहरे के अवसर पर तीन किताबों का विमोचन किया गया। सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का 24 अक्टूबर से आगाज हुआ। उपायुक्त राकेश कंवर ने यह जानकारी दी। इनमें से एक पुस्तक में कुल्लू घाटी की पवित्र यात्रा का वर्णन किया गया है। ‘पवित्र यात्रा’ नाम की इस पुस्तक में कुल्लू घाटी के लुभावने पर्यटन स्थलों के बारे में 250 से अधिक खूबसूरत तस्वीरों सहित रोचक जानकारी दी गई है। इन किताबों का संकलन मीनाक्षी चौधरी द्वारा किया गया है, जिन्होंने इससे पहले 16 किताबों पर काम किया है। ‘पवित्र यात्रा’ में प्रचलित और अनजानी जगहों दोनों का समावेश किया गया है। इसके अलावा दो अन्य किताबों में से एक में कुल्लू के पारंपरिक और प्रचलित व्यंजनों का लेखा-जोखा है और दूसरी में पिछले 14 वर्षो में कुल्लू की यात्रा पर आए विदेशियों के अनुभवों के अंशों को समाहित किया गया है।

कंवर ने बताया कि पिछले दशक में यहां की भाप में पकी और स्टफिंग वाली स्थानीय ब्रेड ‘सिद्दु’ बेहद प्रचलित हो गई है, लेकिन कई अन्य स्वादिष्ट व्यंजन हैं जिनके स्वाद से पर्यटक अभी अनजान हैं और अगर इन्हें व्यवसायिक पैमाने पर उपलब्ध कराया जाता है तो पर्यटक इन स्वादिष्ट और पोषक व्यंजनों का स्वाद ले पाएंगे। इस किताब में पाठकों को ऐसे ही कई व्यंजनों के बारे में जानकारी दी गई है। किताब में साथ ही कुछ ऐसे रेस्तरां और होटलों का विवरण भी दिया गया है, जहां अतर्राष्ट्रीय खाना परोसा जाता है।

‘पवित्र यात्रा’ में ब्रिटिश कवि लोरिएट जॉन बेट्जेमेन की पत्नी और एक समय में भारत में ब्रिटिश सेना के कंमाडर इन चीफ की बेटी पेनेलोप चेटवोड जैसे यात्रियों के बारे में जानकारी है। पेनेलोप यहां के आकर्षण से इतनी प्रभावित हुईं कि वे अपनी युवावस्था में कई बार कुल्लू आईं और अंत में उन्होंने 1986 में यहीं खनाग के नजदीक ही पहाड़ी वादियों में देह त्यागी। तीसरी किताब सातवीं सदी के चीनी तीर्थयात्री ह्वेन सांग के कु-लु-टु (कुल्लू) के विवरण से शुरू होकर 20 सदीं के अंतिम दशक में क्रिस्टिना नोबेल द्वारा लिखे लेख पर खत्म होती है। नोबेल को कुल्लू इतना पसंद आया कि उन्होंने एक भारतीय से विवाह रचा लिया और कुल्लू को ही अपना घर बना लिया।

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उत्तर प्रदेश

मोहिनी दुबे हत्याकांड: IAS के ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के आरोपी तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ पुलिस ने उनके पास से लूटा गया जेवर और नगदी भी बरामद कर ली है। इस पूरी वारदात को देवेंद्र नाथ के ड्राइवर अखिलेश, उसके भाई रवि और एक साथी रंजीत ने अंजाम दिया था।

मंगलवार को पुलिस मोहिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने गई थी। तभी आरोपियों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। लखनऊ की इंदिरा नगर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम मुठभेड़ में शामिल हुई थी। तीनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल और सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वारदात को रवि व रंजीत ने अंजाम दिया था जबकि अखिलेश देवेंद्रनाथ दुबे को लेकर वापस लौटा था। पुलिस टीम अब से कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा करेगी। हत्यारे वारदात के बाद दोनों नीले रंग की स्कूटी से भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह सेवानिवृत आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और नकदी लूट ले गए थे। मामले में पुलिस को पहले भी ड्राइवरों पर ही शक था। कई पुख्ता सुबूत इस ओर इशारा कर रहे थे। दोनों चालकों रवि और अखिलेश से सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। दोनों के अलावा और भी कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि बदमाश नीले रंग की स्कूटी से आए थे और उसी से भागे थे। हत्यारों ने अपने परिचित की स्कूटी का इस्तेमाल किया। नंबर प्लेट निकाल दी थी। स्कूटी पुलिस ने बरामद कर ली थी। वहीं, सीसीटीवी से हत्यारों की पहचान भी हो गई थी।

 

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