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कांग्रेस में शामिल हुए नसीमुद्दीन पर दिलों-दिमाग से नहीं निकल पायी बसपा

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नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुरुवार को कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थाम लिया। साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा का पार्टी में विलय कर दिया।

कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद लेकिन उनसे एक गलती हो गई। जल्दबाजी में नसीमुद्दीन ने कहा कि वह बसपा में आ गए हैं। वैसे बाद में उन्होंने अपनी इस गलती के लिए माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि मैंने 34 साल बीएसपी को दिए हैं, 34 मिनट तो जुबान से हटने में लगेगा ही। इस पर गुलाम नबी आजाद बोले कि एक महीने की माफी है।

एक समय मायावती के करीबी रहे सिद्दीकी के साथ बसपा नेता ओ.पी सिंह, लियाकत अली, अच्छे लाल निषाद, अरशद खान, बेगम हुस्ना सिद्दीकी, रघुनाथ प्रसाद, अनिल अवाना और कुछ अन्य नेता भी कांग्रेस में शामिल हो गए।

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी आजाद ने कहा, “हम सभी नेताओं का स्वागत करते हैं और कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए धन्यवाद देते हैं। यह संकेत है कि जमीनी हालात बदल रहे हैं और कांग्रेस का भविष्य उज्जवल है।” उन्होंने कहा, “पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में अन्य पार्टियों के लोग कांग्रेस से जुडऩा चाहते हैं और उनके साथ काम करना चाहते हैं।”

आजाद ने कहा, “कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से देश में सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी। आज मैं दिल से सभी सदस्यों का कांग्रेस पार्टी में स्वागत करता हूं।” उन्होंने कहा, “वे सभी सदस्य जो पार्टी में शामिल हुए हैं, जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती और समर्थन देंगे। मेरा मानना है कि उनके शामिल होने से पार्टी को आगे मजबूती मिलेगी।”

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 10 मई को सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद सिद्दीकी ने चार बार की मुख्यमंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने मायावती पर उनसे 50 करोड़ रुपये मांगने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने मायावती के साथ टेलीफोन बातचीत के कुछ ऑडियो टेप भी जारी किए थे।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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