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कश्मीर मुद्दे का स्थाई समाधान चाहती है सरकार : राजनाथ
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार लोगों का विश्वास हासिल कर कश्मीर मुद्दे का स्थाई समाधान चाहती है। राजनाथ ने कहा कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है।
राजनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, हम कश्मीर मुद्दे का स्थाई समाधान चाहते हैं और हम कश्मीर के लोगों का विश्वास हासिल कर इसका समाधान निकालेंगे।
राजनाथ ने कहा कि कश्मीर की समस्या सन 1947 से है और यह कुछ ही महीनों में हल नहीं हो सकती।
राजनाथ ने कहा, यह समस्या 1947 से ही है। इसे चुटकियों में नहीं सुलझाया जा सकता। इसमें समय लगेगा लेकिन हम इसका स्थाई समाधान निकालेंगे और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
राजनाथ ने कहा कि उनकी सरकार बातचीत के जरिए समाधान चाहती है।
उन्होंने कहा,सभी समस्याओं को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। जो भी हमसे बात करना चाहता है, हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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