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बदली दाना मांझा की जिंदगी, शान के साथ नई वाइफ संग गुजार रहा लाइफ

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पैसे की कमी होने पर पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक पैदल कंधे पर ढोने के बाद से सुर्खियों में आए ओडिशा के दाना मांझी की जिंदगी अब पहले जैसी गरीब नहीं रही बल्कि पूरी तरह बदल चुकी है। आज उसके पास नए घर के साथ साथ नई बाइक और वाइफ भी है।

जी हां। हम बात कर रहे है  पिछले साल अगस्त में उस गरीब मांझी की। जो अपनी बेटी के साथ पैदल कंधे पर अपनी पत्नी अमांग देई का कपड़े में लिपटा शव लेकर पैदल 10 किलोमीटर चलकर घर आया था क्योंकि उसके पास गाड़ी वालों को देने के लिए पैसे नहीं थे।

लेकिन मंगलवार को मांझी ने कालाहांडी जिले के भवानीपाटा से अपने घर तक उस हॉन्डा की बाइक पर सफर किया जिसे वह शो रुम में 65 हजार रुपये से खरीदी है। ये वही रोड है जहां कंधे पर पत्नी की लाश और पीछे-पीछे चलती रोती-बिलखती बेटी।  यह तस्वीर जिस किसी ने भी देखी, उसके मुंह से ‘आह’ निकल आयी।

तस्वीर के साथ खबर यह थी कि दाना की दूसरी पत्नी अमांग देई इलाज के अभाव में मर गयी थी और अस्पताल वालों ने उसके शव को 14 किलोमीटर दूर घर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की।

नतीजतन दाना मांझी भारी मन से पत्नी का शव कंधे पर रख, घर के लिए चल पड़ा. संयोग से किसी की नजर उस पर पड़ गयी और उसने दाना की वेदना को अपने कैमरे में उतार लिया।

फिर क्या था! देखते ही देखते वह तस्वीर देश-दुनिया में वायरल हो गयी और दाना मांझी दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गये थे।

सरकार और सुधिजनों से मिली मदद ने दाना मांझी की गरीबी दूर कर दी है। आज दाना मांझी के पास 36 लाख रुपये से ज्यादा का बैंक बैलेंस है।

कुछ दिनों पहले उन्होंने कालाहांडी जिले के भवानीपाटा में लगभग 65 हजार रुपये में नयी मोटरसाइकिल खरीदी है। बाइक खरीदने के बाद मांझी उसी रोड पर गये, जहां से वह पिछले साल अपनी पत्नी का शव लेकर गुजरा था।

तब जिसने भी दाना मांझी की गरीबी देखी थी, उसे तरस आ गया।  बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने उन्हें 9 लाख रुपये दिये।  इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत दाना को घर भी मिला है।

दाना ने हाल ही में तीसरी शादी की है।  बताया जा रहा है कि उसकी नयी पत्नी अलामता देई गर्भवती हैं।

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लोगों ने साफ तौर पर कह दिया वो देश को मोदी और अमित शाह से नहीं चलवाना चाहते : राहुल गांधी

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस दफ्तर में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हम सिर्फ भाजपा के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे थे, हम हिंदुस्तान की तमाम सस्थाओं के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। मोदी और शाह ने इन सभी संस्थाओं को डराया धमकाया। हमारी लड़ाई संविधान को बचाने की थी। मेरे दिमाग में पहले से था, जब इन्होंने हमारा बैंक अकाउंट सीज किया। मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला। तभी मुझे लगने लगा था कि हिंदुस्तान की जनता इनके खिलाफ एक साथ खड़ी हो जाएगी। राहुल गांधी ने कहा कि जहां भी गठबंधन लड़ा हम एक होकर लड़े, हमने हिंदुस्तान को एक नया विजन दिया है। देश ने साफ तौर पर कह दिया कि वह देश को मोदी और अमित शाह से नहीं चलवाना चाहते। राहुल गांधी ने कहा कि इस संविधान को बचाने का काम गरीबों ने किया है। मैं उनको धन्यवाद कहना चाहता हूं, कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। हमने जो वादे किए हैं हम उन्हें हर हाल में पूरा करेंगे।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि यह जनता की जीत है, ये लोकतंत्र की जीत है। पीएम नरेंद्र मोदी की यह नैतिक हार है। खरगे ने कहा कि राहुल गांधी दोनों यात्राओं का असर हुआ है तभी इंडिया गठबंधन इतनी सीटें जीत रही है। उन्होंने कहा कि यह जनता को जीत है, विनम्रता से जनता का जनमत स्वीकार करते हैं। जनता ने किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं दिया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी को यह राजनैतिक और नैतिक हार है, नैतिक दृष्टि से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इंडिया गठबंधन ने प्रतिकूल माहौल में चुनाव लड़ा। शुरू से आखिर तक कांग्रेस का कैंपेन पॉजिटिव था। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नैतिक दृष्टि से पीएम मोदी को बड़ा नुकसान हुआ है। इंडिया गठबंधन ने प्रतिकूल चुनाव लड़ा। हमारे खिलाफ कई अभियान चलाये। हमने महंगाई, बेरोज़गारी और मज़दूरों की बदहाली को मुद्दा बनाया। लोग हमसे इन मुद्दों पर जुड़े हमारा साथ दिया। कांग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में जो झूठ फैलाया वो भी जनता ने समझ लिया। राहुल गांधी की न्याय यात्रा सफल रही।

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