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प्रादेशिक

एसीबी प्रमुख मीणा को न्यायालय का नोटिस

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए भ्रष्टाचार निवारक शाखा (एसीबी) के प्रमुख एम.के.मीणा को नोटिस जारी किया। केजरीवाल सरकार ने मीणा के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू करने के लिए याचिका दी है।

दिल्ली सरकार का आरोप है कि एसीबी प्रमुख ने संस्थान के एक अधिकारी को हटाकर अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति वी.पी.वैश ने मीणा को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने हालांकि पूर्व में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया था, जिसमें अनुरोध किया गया था कि दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त मीणा को एसीबी प्रमुख के रूप में काम न करने दिया जाए।

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि मीणा ने निरीक्षक विनय मलिक के स्थान पर बृज मोहन को एसीबी के थाना प्रभारी पद पर आसीन करने का आदेश जारी किया। सरकार ने कहा कि इसने मीणा के खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू करने के लिए इसलिए याचिका दायर की, क्योंकि मीणा ने जानबूझ कर अदालत के 29 जून के आदेश का उल्लंघन किया, जिसमें उप राज्यपाल द्वारा नियुक्त एसीबी प्रमुख से कानून के अनुसार काम करने को कहा गया था।

मीणा तथा मोहन, दोनों के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू करने का अनुरोध करते हुए याचिका में कहा गया है कि मोहन, मीणा के निर्देश और आदेश पर काम कर रहे हैं।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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