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प्रादेशिक

एलायंस एयर का शिमला के लिए परीक्षण उड़ान

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शिमला | विमानन कंपनी एयर इंडिया की सहायक विमानन कंपनी एलायंस एयर ने नई दिल्ली और शिमला के बीच नियमित उड़ान सेवा फिर से शुरू करने के लिए बुधवार को परीक्षण उड़ान संपन्न की। यह जानकारी एक हवाईअड्डा अधिकारी ने दी। हवाईअड्डा प्रभारी परविंद्र तिवारी ने कहा कि 42 सीटों वाले विमान की परीक्षण उड़ान सफल रही और सूचीबद्ध उड़ान इसी महीने शुरू हो सकती है।

जुब्बारभट्टी में स्थित शिमला हवाईअड्डे को 6 सितंबर 2012 से सूचीबद्ध उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया था। तिवारी ने बताया कि इस दौरान औसतन 12-15 गैरसूचीबद्ध विमानन हर महीने यहां आ रहे थे। दिल्ली और शिमला के बीच नियमित विमानन सेवा के फिर से स्थापित होने के बाद आतिथ्य उद्योग से जुड़े उद्यमियों को पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। यहां क्लार्क होटल के डीपी भाटिया ने आईएएनएस से कहा, लंबे समय से शिमला हवाईअड्डे के बंद रहने से पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अब हम जल्द ही उड़ान चालू होने की उम्मीद करते हैं। यह बड़ी खबर है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष विजय सिंह मनकोटिया ने कई बार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के समक्ष यह मुद्दा उठाया था कि भुंटार के जुब्बारभट्टी और धर्मशाला के निकट गग्गल हवाईअड्डे की हवाईपट्टी के विस्तार की संभावना पर विचार किया जाए, ताकि इस पर बड़े विमान उतर सकें। 30 दिसंबर को पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मनकोटिया ने राज्य में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे की स्थापना की मांग की थी। एएआई अधिकारियों के एक दल ने दो फरवरी को जुब्बारभट्टी हवाईअड्डे के मुआयना कर परीक्षण उड़ान का फैसला किया था। तिवारी ने बताया कि जुब्बारभट्टी हवाईअड्डे की हवाईपट्टी के विस्तार और अवसंरचना विकास के लिए 500 करोड़ रुपये के एक प्रस्ताव को अब भी मंजूरी का इंतजार है। उल्लेखनीय है कि राज्य के उच्च न्यायालय ने हवाई संपर्क के अभाव पर राज्य और केंद्र सरकार को पहले ही नोटिस जारी किया है और उसका जवाब 5 जनवरी तक दाखिल करने के लिए कहा था। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक शिमला हवाईअड्डे पर विमानन का उतरना जोखिम से भरा हुआ है, क्योंकि यह देश के तीन टेबल टॉप हवाईअड्डों में से एक है। इस टेबल टॉप हवाईअड्डा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके चारो ओर गहरी खाई है। उल्लेखनीय यह भी है कि हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या करीब 68 लाख है और इस राज्य में हर वर्ष इससे अधिक संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी का विपक्ष पर हमला, कहा- आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा

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गोरखपुर। सीएम योगी ने शुक्रवार को गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और भाजपा प्रत्याशी रविकिशन शुक्ल के नामांकन के बाद, उनके पक्ष में महंत दिग्विजयनाथ पार्क में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के मतदान तक हताश हो चुके विपक्ष के नेता अब भगवान राम पर टिप्पणी करने लगे हैं। कोई कहता है कि राम मंदिर बेकार है तो कोई कहता है कि राम मंदिर से जनता को क्या लाभ है। योगी ने कहा कि आतंकवादियों की पैरवी करने वालों को तो राम मंदिर बुरा ही लगेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे चरण में लोकसभा का चुनाव अब उस मोड़ पर पहुंच गया है जहां विपक्ष ने हार मान ली है। कांग्रेस, सपा बसपा सबने हार स्वीकार कर ली है। तीन चरणों में 285 सीटों पर यानी पूरे देश के अंदर आधा चुनाव संपन्न हो चुका है। योगी ने कहा कि चुनाव प्रचार में देश के अंदर उन्हें नौ राज्यों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूरे देश के अंदर एक ही स्वर गूंज रहा है, “फिर एक बार मोदी सरकार”। देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। हम उनको लाएंगे जिन्होंने रामराज की परिकल्पना को साकार किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए आज के विपक्ष ने राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वालों के खिलाफ, माफियाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए होते तो संकटमोचन मंदिर और कचहरी पर आतंकी हमले नहीं होते। आतंकवाद के मुद्दे पर घुटना टेकने की नीति का दुष्परिणाम रहा कि इन हमलों में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता के लिए सारी समस्याओं का समाधान रामराज है और इसी रामराज के लिए जनता बार-बार मोदी सरकार को चुन रही है। जनता यही कह रही है, जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। रामराज का मतलब सबका सम्मान, सबकी सुरक्षा, सबका विकास और गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर तबके को बिना भेदभाव प्राप्त होना है।

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