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नेशनल

एनआईएल का हिस्सा डीआरडीओ को देने पर कैबिनेट की मुहर

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– स्पेन के साथ वीजा समझौते को भी मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को हुई एक बैठक में पुरानी कंपनी नेशनल इंस्ट्रमेंट्स लिमिटेड (एनआईएल) की जमीन और भवन का एक हिस्सा लंबे समय के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को दिए जाने को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भूमि का हस्तांतरण पश्चिम बंगाल के जाधवपुर विश्वविद्यालय से एक रक्षा अनुसंधान केंद्र के निर्माण के लिए किया जाएगा। केंद्र का नाम जगदीश चंद्र बसु सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (जेसीबीसीएटी) होगा। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

बयान में कहा गया है कि केंद्र की स्थापना के लिए एनआईएल के जमीन और भवन के एक हिस्से का हस्तांतरण काफी लाभदायक रहेगा, क्योंकि शोध एवं विकास से इस रणनीतिक क्षेत्र में आयात पर निर्भरता घटेगी। एलआईएल केंद्र सरकार की कंपनी थी, जिसका संचालन भारी उद्योग विभाग करता था। कंपनी की माली हालत खराब हो जाने से उसकी संपत्ति, देनदारी और श्रम शक्ति को जाधवपुर विश्वविद्यालय को हस्तांतरित कर दिया गया और कंपनी को बीमार घोषित कर दिया गया।

इसी के साथ केंद्रीय कैबिनेट ने स्पेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दे दी, जिसके तहत कूटनीतिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा की जरूरत समाप्त हो जाएगी। इस समझौते से कूटनीतिक पासपोर्ट धारक एक-दूसरे देश में बिना वीजा आ-जा सकेंगे और एक-दूसरे देश में 90 दिनों तक बिना वीजा रह सकेंगे।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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