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…एक रेस्तरॉ, जहां जवानों को मिलता है रियायती भोजन!
रायपुर, 11 जून (आईएएनएस)| देश के जवान भूखे-प्यासे रहकर भी सरहदों की रक्षा करते हैं, दुश्मनों की गोलियों का सामना करते हैं, उन्हें अपने ही देश में पत्थरबाजों, घात लगाए बैठे नक्सलियों की हिंसा का भी सामना करना पड़ता है, उनकी शहादत पर ओछी राजनीति भी होती है। लेकिन देश में जवानों के जज्बों को सलाम करने वालों की भी कमी नहीं है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ऐसे ही एक व्यक्ति हैं मनोज दूबे।
जी हां, मनोज दूबे ऐसे शख्स हैं, जो खुद सेना में जाना चाहते थे, मगर उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। लिहाजा उन्होंने अपने इस सपने को अलग तरीके से साकार करने का रास्ता खोज निकाला है। दूबे राजधानी रायपुर में एक रेस्तरॉ चलाते हैं, जिसमें जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को रियायती भोजन मुहैया कराया जाता है।
दूबे कहते हैं, मैं और मेरा छोटा भाई सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे, लेकिन हमारा सपना पूरा नहीं हो पाया। आज हम अपने रेस्तरॉ के जरिए जवानों और उनके परिजनों के लिए भोजन की व्यवस्था कर अपनी इच्छा पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं।
दूबे के नीलकंठ नामक रेस्तरॉ के सामने तिरंगे में सजे एक बैनर पर लिखा है ‘राष्ट्रहित सर्वप्रथम’। ये शब्द राष्ट्र के प्रति उनकी नेक भावना को जाहिर करते हैं।
नीलकंठ रेस्तरॉ में बिना वर्दी, लेकिन पहचान पत्र के साथ आने वाले जवानों को भोजन में 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है, वहीं वर्दी पहने और पहचान पत्र के साथ आने वाले जवानों को 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है। इतना ही नहीं, देश की रक्षा के लिए शहीद हुए जवानों के माता-पिता से भोजन के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता।
देश सेवा की भावना को इस अनोखे ढंग से पूरा करने का ख्याल उन्हें कैसे आया? दूबे ने आईएएनएस से कहा, यूं तो मुख्यतौर पर हमारा व्यवसाय बोरवेल ड्रिलिंग का है, लेकिन हमारे पिता भी सेना में जाना चाहते थे और वह एनसीसी से जुड़े हुए थे, साथ ही हम दोनों भाई भी एनसीसी से जुड़े थे। इसलिए सेना के साथ शुरू से ही हमारे मन में खास लगाव था। इसी लगाव के चलते मन में जवानों के लिए कुछ करने की इच्छा हुई।
दूबे ने बताया, हमें लगा कि इस इलाके में सीआरपीएफ और बीएसएफ की मूवमेंट ज्यादा है। उनके लिए भोजन की मुफ्त व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन साथ ही उनके आत्मसम्मान को भी ठेस न पहुंचे और उनकी यह सेवा सम्मानित तौर पर करने के इरादे से हमने डिस्काउंट पैटर्न पर इसे शुरू करने का फैसला किया।
कई बार समाज सेवा के नाम पर कुछ लोग अपने नाम का झूठा प्रचार भी करते हैं? दूबे ने कहा, कोटा इलाके में सेना के शिविर हैं। अधिकारियों को जब इस योजना के बारे में पता चला तो वे पुष्टि करने के लिए आए कि वाकई जवानों को ऐसी कोई सुविधा दी जा रही है या नहीं और कहीं देश सेवा का केवल प्रचार तो नहीं किया जा रहा। लेकिन वे पूरी तरह संतुष्ट होकर गए।
दूबे ने कहा कि वह आगे भी सैनिकों के लिए इस दिशा में और कुछ कर सके तो जरूर करेंगे।
उन्होंने कहा, स्टेशन पर जब बटालियन उतरती है, तो उनके लिए चाय-पानी और हल्के नाश्ते जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की इच्छा भी है। इसके लिए उनकी कनेक्टिव एजेंसियों से संपर्क करके उनकी सीक्रेट मूवमेंट में कोई व्यवधान उत्पन्न किए बिना ये सुविधाएं प्रदान करने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन अकेले यह सब कर पाना थोड़ा मुश्किल है, इसलिए जो भी लोग इस नेक काम में साथ देना चाहें, उनके साथ जुड़कर भविष्य में यह भी करने का हमारा विचार है।
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सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।
एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।
सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’
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