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उप्र : मंदसौर के मृतकों के परिजनों को सपा देगी 2-2 लाख रुपये
लखनऊ, 7 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गए छह किसानांे के परिजनों को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की बुधवार को घोषणा की है।
अखिलेश ने अपने ट्वीट आर्थिक सहायता की घोषणा के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट में कहा, उप्र में कर्जमाफी के नाम पर धोखा, महाराष्ट्र में किसान धरने पर, मध्य प्रदेश (मंदसौर) में गोली मारकर पांच किसानों की हत्या।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मंदसौर में मृतक किसानों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये समाजवादी पार्टी देगी।
हालांकि सपा अध्यक्ष को इन ट्वीट पर कुछ रिट्वीट ऐसे मिले, जिन्होंने इसे बरेली के हादसे से जोड़ा।
एक शख्स ने सपा अध्यक्ष के ऐलान पर प्रतिक्रिया दी कि 22 लोग अभी दो दिन पहले बस में उप्र में जल गए, तब तो चुप थे वोट के गिद्ध सारे। वहीं एक अन्य व्यक्ति ने इसे वोट की राजनीति से जोड़ते हुए लिखा कि शुरू कर दी लाशों की राजनीति! खैर गिद्ध सबसे पहले वही पहुंचते हैं, जहां लाश दिखे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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