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मुख्य समाचार

उप्र : उच्च न्यायालय की नई खंडपीठ के लिए 19 नवंबर को आंदोलन

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लखनऊ| पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की नई खंडपीठ की स्थापना की मांग को लेकर किया जा रहा आंदोलन दिवाली और अन्य उत्सवों के लिए रोक दिया गया था, लेकिन 19 नवंबर को व्यापक तौर पर फिर से आंदोलन शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय संघर्ष समिति के पदाधिकारी के अनुसार, इस आंदोलन के तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी भी कचहरी में वकील काम नहीं करेंगे और सभी वकील यह प्रयास भी करेंगे कि इस बंद में जनता और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़े।

पिछले दिनों हुई संघर्ष समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों पर अब अमल की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। भाई दूज के बाद संघर्ष समिति के पदाधिकारी 19 नवंबर को बंद और शीतकालीन सत्र के दौरान संसद घेराव की तैयारी में जुट जाएंगे।

पदाधिकारियों का कहना है कि अब उनका आंदोलन उग्र रूप से चलेगा। त्योहारों के कारण आंदोलन को विराम दिया गया था। अब इस आंदोलन से नतीजे तक पहुंचाने का प्रयास होगा। इस दौरान सांसद, विधायक अन्य जनप्रतिनिधियों से मांग की जाएगी कि वे भी केन्द्र सरकार पर दबाव बनाएं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय बेंच संघर्ष समिति ने आगरा के संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से आगरा में हाईकोर्ट बेंच की मांग को छोड़ने का आग्रह किया है। मेरठ के पदाधिकारियों ने पहल कर आगरा के प्रतिनिधियों से वार्ता की और उनसे कहा किमेरठ ने जगह की मांग छोड़ दी है, तो आगरा भी छोड़े और मिलकर लड़ाई लड़े।

संघर्ष समिति के संयोजक संजय शर्मा ने कहा, “हाईकोर्ट बेंच आंदोलन को अब जनांदोलन का रूप दिया जाएगा। इसके लिए 19 नवंबर को प्रदेश में व्यापक तौर पर बंद के लिए आम लोगों, जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों से भी अपील की जाएगी। 19 नवंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में वकील काम नहीं करेंगे।”

 

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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