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मनोरंजन

इफ्फी जूरी को सोमवार को दिखाई जाएगी ‘एस दुर्गा’

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पणजी, 26 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव (आईएफएफआई) की भारतीय पैनोरमा जूरी कई दिनों की देरी के बाद अंतत: फिल्म ‘एस दुर्गा’ को सोमवार शाम को देखेगी।

जूरी के एक सदस्य ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। जूरी सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, हमें आईएफएफआई द्वारा सूचना दी गई है कि फिल्म की स्क्रीनिग सोमवार शाम 6 बजे की जाएगी। 10 सदस्यीय जूरी के लिए स्क्रीनिंग पणजी के महोत्सव स्थल पर आयोजित की जाएगी।

मुंबई की निर्देशक और पटकथा लेखक रुचि नारायण ने भी जूरी के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग किए जाने की खबर की पुष्टि कर दी है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, फिल्म की स्क्रीनिंग के विवरण की सूचना आईएफएफआई द्वारा दी गई है।

सनल कुमार शशिधरन की फिल्म को भारत के 48वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की निर्धारित स्क्रीनिंग से रोक दिया गया था। इस फिल्म के साथ एक अन्य फिल्म ‘न्यूड’ की स्क्रीनिग पर भी रोक लगा दी गई थी जिसके बाद विवाद बढ़ गया था।

महोत्सव जूरी ने इन दोनों फिल्मों को दिखाए जाने की मंजूरी दी थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा इन्हे दिखाने से इनकार के बाद जूरी के प्रमुख सुजोय घोष समेत तीन सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था, जबकि छह सदस्यों ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को लिखकर इस कदम पर चिंता जताई थी।

शशिधरन द्वारा केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद अदालत ने आईएफएफआई को निर्देश दिया कि सेंसर किया हुआ संस्करण जूरी को दिखाने के बाद फिल्म की स्क्रीनिंग की जाए।

उच्च न्यायालय की पीठ ने सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा इस निर्देश पर रोक लगाने वाली अपील को शुक्रवार को खारिज कर दिया था।

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प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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