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प्रादेशिक

आम हो या खास नहीं मिलेगा ‘आम’

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लखनऊ। तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। खराब मौसम के कारण आम के पेड़ों पर लगे बौर गिर गए हैं। इसका असर इस बार उत्पादन पर भी पड़ेगा। ऐसे में यह सहज ही कहा जा सकता है कि आम हो या खास नहीं मिलेगा ‘आम’।

बीते दो सालों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की फल पट्टी क्षेत्र सहारनपुर और मेरठ मंडल के जिलों में आम की फसल में कमी आई है। इस बार फरवरी के आखिरी सप्ताह, मार्च और अप्रैल की शुरुआत में आई आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।

पिछले साल भी फरवरी में हुई बारिश और फिर जून की तेज गर्मी से आम की 40 फीसदी फसल बर्बाद हो गई थी। बागवानों की मानें तो अब अगर मौसम सामान्य भी रहता है तो दशहरी की बची खुची फसल को बाजार में आने में देर लगेगी और यह जुलाई से पहले नहीं पक सकेगी। बागवान अमर ने बताया कि खराब मौसम के चलते इस बार भी आम का निर्यात प्रभावित होगा।

बागवान सुरेंद्र ने बताया कि सामान्य तौर पर खाड़ी देशों, यूरोप और अमेरिका में हर साल 150 से 200 टन आम उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बरेली सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर के स्याना, गुलावठी, शिकारपुर फल पट्टी क्षेत्र से भेजे जाते हैं। पिछले साल फसल खराब होने से केवल 40 टन आम ही बाहर भेजा सका था। इस बार इतना निर्यात हो पाना संभव नहीं है।

उन्होंने बताया कि फरवरी में आम के पेड़ों में अच्छे खासे बौर आने शुरू हो गए थे। तेज बारिश और ओला पड़ने से आम की फसल 60 फीसदी खराब हो गई। उन्होंने बताया कि फरवरी में बाहर से निर्यात के कुछ ऑर्डर भी आने शुरू हो गए थे, पर मौसम की बेरुखी ने सब पर पानी फेर दिया। बागपत के बागवान रफीक का कहना है कि आम के मौसम में उत्तर प्रदेश के लोगों को बिहार का सहारा लेना पड़ेगा।

बिहार में होने वाले मालदह, चौसा, सफेदा और कपूरी आम बाजार में ऊंचे दामों पर बिकेंगे। मौसम का प्रकोप पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुकाबले बिहार में कम है। इसके चलते वहां के आमों को यहां के बाजारों में तरजीह मिल सकती है। आम की फसल बर्बाद होने पर फलों के राजा का आम और खास को मिलना मुश्किल है।

 

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पुणे हिट एंड रन केस: कोर्ट ने आरोपी के पिता को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा

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पुणे। पुणे हिट एंड रन केस में पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इससे पहले मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी को जमानत मिलने के बाद फिर से अरेस्ट कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले में नई धारा भी जोड़ी है। इसके साथ ही कोर्ट ने बार के मालिक जितेश शेवनी और जयेश बोनकर को भी 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है।

बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में एक नाबालिग लड़के ने अपनी करोड़ों की पोर्शे कार से दो लोगों को कुचलकर मार डाला। चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था। इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा के तौर पर हुई थी। दोनों राजस्थान के हैं। बाद में पुलिस ने इस मामले में कार चला रहे 17 वर्षीय आरोपी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई।

पुलिस ने उस पर बालिग लोगों की तरह मुकदमा चलाने और उसे पुलिस हिरासत में भेजने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए आरोपी को जमानत दे दी थे। आरोपी को कोर्ट ने 15 दिनों के लिए येरवडा की ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने’ और ‘हादसे पर एक निबंध लिखने’ के लिए कहा। वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि जमानत की शर्तों में आरोपी को एक ऐसे डॉक्टर से इलाज कराने का निर्देश दिया गया है जो उसे शराब छोड़ने में मदद कर सके। इसके अलावा उसे ‘साइकेट्रिस्ट से सलाह’ लेकर उसकी रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया गया है।

चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था.पुलिस का दावा है कि बार में शराब पीने के बाद नशे में धुत होकर 17 साल का आरोपी पोर्शे कार को चला रहा था। उसने रविवार तड़के शहर के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

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