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मुख्य समाचार

आतंकवाद का सामना करने को नए हल निकालें : मोदी

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कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने आधिकारिक मलेशिया दौरे के दूसरे दिन 21वीं सदी को एशिया की सदी बनाने वाले पांच सिद्धांतों का खाका खींचा और आतंकवाद का सामना करने के लिए नए वैश्विक हल निकालने का आह्वान किया। मोदी ने यह बात यहां अपने मलेशिया दौरे के दूसरे दिन 10वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में कही।

उन्होंने कहा, “पेरिस, अंकारा, बेरूत, माली में हुए बर्बर आतंकवादी हमले और रूस के विमान को गिराया जाना (पिछले माह मिस के सिनाई प्रांत में) इस बात के साफ संकेत हैं कि आतंकवाद की परछाई हमारे समाज और हमारी दुनिया पर फैल गई है, चाहे बात आतंकवादी संगठनों में भर्ती को लेकर हो या फिर निशानों को लेकर।”

मोदी ने कहा, “हमें आतंकवाद को राजनीतिक विचार के पलड़े में तौले बिना इससे लड़ने के लिए नए वैश्विक संकल्प और नई रणनीति तैयार करनी चाहिए।” मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और न उसे समर्थन देना चाहिए। उन्होंने कहा, “आसियान समूहों में कोई भेद नहीं है, कोई आतंकवादी शरणस्थली नहीं है, कोई कोष नहीं है, हथियारों की पहुंच नहीं है, लेकिन हमें हमारे समाज एवं हमारे युवाओं को साथ लेकर भी काम करना होगा। मैं आतंकवाद को धर्म से अलग करने की प्रतिबद्धता और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाले प्रयासों का स्वागत करता हूं।”

मोदी ने 21वीं सदी को एशिया की सदी बनाने के लिए पांच सिद्धांतों या उसूलों का खाका भी खींचा। उन्होंने कहा, “सबसे पहले सुरक्षा सहयोग को लेकर ऐसे क्षेत्रीय ढांचे का समर्थन करें, जो समावेशी, संतुलित, पारदर्शी व सार्वजनिक हो।” उन्होंने कहा, “दूसरा, समुद्र शांति एवं समृद्धि का मार्ग है। भारत आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संघ) के साथ अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों, जिसमें समुद्री कानून पर 1982 का संयुक्त राष्ट्र का कन्वेंशन भी शामिल है, के अनुसार नौवहन स्वतंत्रता और निर्बाध व्यापार को लेकर प्रतिबद्ध है।”

मोदी ने साइबर-सुरक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु अप्रसार में ज्यादा मजबूत सहयोग की बात भी कही। उन्होंने कहा, “तीसरी बात यह कि हमें साइबर सुरक्षा पर दृढ़ प्रतिबद्धता और निकट सहयोग की जरूरत है।” मोदी ने चौथे सिद्धांत के तौर पर क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी को लेकर जल्द नतीजे तक पहुंचने की बात भी कही।

उन्होंने कहा, “पांचवां, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का मुख्य जोर विकास को लेकर सहयोग है। भारत अपने साझेदार देशों के प्रयासों को समर्थन देना जारी रखेगा।” आसियान के तुरंत बाद आयोजित वार्षिक पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, जापान, लाओस, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, अमेरिका और वियतनाम हिस्सा ले रहे हैं।

नेशनल

संजय सिंह ने एग्जिट पोल को बताया बेबुनियाद, बंद कराने की उठाई मांग

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एग्जिट पोल्स को बंद कराने की मांग भी की है। उनका कहना है कि ये एग्जिट पोल बेबुनियाद होते हैं। इसके लिए उन्होंने कई तर्क भी दिए। उन्होंने कहा कि जहां जितनी सीटें नहीं, उतनी सीटों पर चुनाव लड़वा रहे। कहीं भाजपा को दे रहे कुल वोट से ज्यादा शेयर तो कहीं उस पार्टी को चुनाव लड़वा दिया, जिसने उम्मीदवार ही नहीं उतारे।

उन्होंने कहा कि झारखंड में सीपीआईएम चुनाव ही नही लड़ रही है और उसे 2 से 3 सीट दे रहे हैं। तमिलनाडु में कांग्रेस खुद 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और एक्जिट पोल कांग्रेस को 13 सीट जीता रहे हैं। तमिलनाडु को बीजेपी को 34% वोट शेयर मिला है। बीजेपी खुद इस पर विश्वास नहीं कर रही। उत्तराखंड में कुल सीट 5 हैं, लेकिन बीजेपी 6 सीटों पर जीत रही है। हिमाचल में मतगणना होगी 4 सीट पर और आएंगी 6 सीट।

संजय सिंह ने कहा “राजस्थान 25 सीट पर नतीजे आएंगे और 33 सीटें मिल जाएंगी। यूपी में एनडीए की सीटें बढ़ गईं, इंडिया गठबंधन की घट गईं। केरल में 27 % वोट शेयर बीजेपी सुन कर बेहोश हो गई। ये कौन सा एक्जिट पोल है। एक्जिट पोल के इतिहास पर भी सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में एक्जिट पोल ने बीजेपी को जिता दिया था। बंगाल विधानसभा में बीजेपी को जिता दिया था, जबकि नतीजे इसके उलट रहे थे।

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