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आतंकवाद का केंद्र भारत के नजदीक, मगर पदचिह्न् वैश्विक : जयशंकर
पणजी, भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि आतंकवाद का केंद्र भले ही भारत के नजदीक है, लेकिन इसके पदचिह्न् विश्वभर में मौजूद है। जयशंकर ने भारत-रूस द्विपक्षीय सम्मेलन से इतर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आज कोई भी देश आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद केवल भारत के लिए समस्या नहीं है। इसका केंद्र भले ही भारत के नजदीक हो, लेकिन इस केंद्र की गतिविधियां विश्वभर में फैली हुई हैं।”
उन्होंने कहा, “ब्रिक्स की परिकल्पना एक वैश्विक समूह के रूप में की गई थी। इसका हर सदस्य दुनिया के एक अलग हिस्से में मौजूद है। कभी-कभी लोग कहते हैं कि वे अलग देश हैं, लेकिन वैश्विक मुद्दों के मामले में वे एकजुट हैं।”
जयशंकर ने कहा कि यह देखते हुए कि “प्रारंभिक वर्षों में, वैश्विक मुद्दे मुख्य रूप से विकास के मुद्दे, आर्थिक मुद्दे, अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की प्रकृति से संबंधित मुद्दे थे”, ब्रिक्स ने “कभी भी राजनीतिक मुद्दों से गुरेज नहीं किया।”
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।
पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।
नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
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