अन्तर्राष्ट्रीय
आईएस की हिटलिस्ट में 1000 अमेरिकी शामिल
वॉशिंगटन। आतंकवाद संगठन, इस्लामिक स्टेट (आईएस) की एक कथित हिटलिस्ट एक हजार अमेरिकी नागरिक शामिल है। सीएनएन की रपट के अनुसार, आईएस के तथाकथित हैकिंग विभाग ने इस सप्ताह इस सूची को ऑनलाइन जारी की है, जिसमें 1,400 अमेरिकी सरकारी और सैन्य कर्मियों के फोन नंबर, पते और पासवर्ड मौजूद हैं।
इस सूची में उन सभी के तथाकथित क्रेडिट कार्ड संख्या और फेसबुक बातचीत के कुछ हिस्से भी शामिल हैं। सूची के साथ जारी संदेश में कहा गया है, “हम गोपनीय डाटा हासिल कर रहे हैं, और तुम्हारी निजी जानकारियां खिलाफत के सनिकों के पास भेज रहे हैं जो जल्द ही तुम्हारी जमीन पर तुम्हारे गर्दन दबोचेंगे।” सीएनएन के अनुसार, सूची में शामिल कई फोन नंबर और ईमेल पते चालू नहीं हैं। लेकिन सूची में शामिल एक व्यक्ति से जब फोन पर संपर्क किया गया, तो उसने इस बात की पुष्टि की कि वह पहले अमेरिकी सेना में था। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और पेंटागन ने आईएस की इस सूची की जांच शुरू कर दी है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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