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अन्तर्राष्ट्रीय

आइसलैंड में बस दुर्घटनाग्रस्त, कई घायल

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आइसलैंडरिक्जेविक, आइसलैंड में मंगलवार को एक बस दुर्घटना में कुछ चीनी पर्यटक घायल हो गए। 40 लोगों वाली यह बस एक बफीर्ली सड़क पर फिसल गई। आइसलैंड की राजधानी रिक्जेविक स्थित चीनी दूतावास के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यह दुर्घटना दोपहर 11 बजे थिंगवाल्वातन झील के पास एक सड़क पर हुई। बस में सवार कुछ लोगों को चोटें आई हैं। घायलों में कुछ चीनी नागरिक भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सभी घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है। इनमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

आइसलैंड के ऑनलाइन समाचार पत्र ‘विसिर’ के अनुसार, बस का चालक और टूर गाइड, दोनों ही आइसलैंड के रहने वाले हैं। बस में सवार 17 यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि दुर्घटना के बाद सिविल आपात योजना सक्रिय हो गई और घटनास्थल पर एंबुलेंस, पुलिस और अग्निशमन विभाग के कई कर्मियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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