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अन्तर्राष्ट्रीय

असेमां एयरलाइन: ईरान में विमान दुर्घटनाग्रस्त, 66 लोगों की मौत

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तेहरान| ईरान में रविवार को 66 यात्रियों को ले जा रहा विमान पहाड़ी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मीडिया  की रिपोर्ट के अनुसार, विमान दक्षिण-पश्चिम यासूज शहर और तेहरान के बीच यात्रा के दौरान इस्फहान प्रांत के सोमीरोम शहर के पास जाग्रोस पहाडियों में दुर्घटना का शिकार हो गया।

आपातकाल सेवा विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “सभी आपातकाल बलों को अलर्ट कर दिया गया है।”

अभी फिलहाल हताहतों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। विमान ऐसमैन एयरलाइंस का है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान में दो सुरक्षा कर्मी, दो फ्लाइट अटेंडेंट और पायलट व को-पायलट सहित 66 लोग सवार थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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