मुख्य समाचार
अलगाववादी विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर श्रीनगर में प्रतिबंध
श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में पिछले दिनों एक ट्रक पर हुए पेट्रोल बम हमले में बुरी तरह घायल स्थानीय युवक की मौत के बाद अलगाववादियों ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसके मद्देनजर श्रीनगर शहर और अनंतनाग जिले के कई हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया गया है। सैयद अली गिलानी, मीरवाइज, उमर फारूक, मुहम्मद यासीन मलिक और अन्य अलगाववादी नेताओं को विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए नजरबंद रखा गया है।
गिलानी ने उधमपुर में नौ अक्टूबर को उपद्रवियों के पेट्रोल बम हमले में गंभीर रूप से घायल युवक की मौत को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया।
एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “आज (शुक्रवार) श्रीनगर शहर के रैनावाड़ी, खन्यार, नौहट्टा, एम.आर. गंज, सफाकादल और मैसूमा इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं।”
दक्षिणी कश्मीर के बिजबेहरा और अनंतनाग शहर में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
बिजबेहरा में बुधवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प में नसीर अहमद (25) नाम का युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था।
आंसू गैस का एक गोला उसके माथे में लगा था।
उसकी देखरेख में लगे चिकित्सकों ने यहां आईएएनएस को बताया, “उसकी हालत अब स्थिर है।”
वहीं, गुरुवार को अवंतीपुर कस्बे में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर स्थानीय टैंकर ड्राइवर जावेद अहमद पर एक भीड़ ने हमला किया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “उसके सिर में एक पत्थर आकर लगा था। चिकित्सकों ने उसकी हालत नाजुक बताई है।”
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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