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अरुणाचल प्रदेश की खांडू सरकार में शामिल होगी भाजपा
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू सरकार में जल्द ही भाजपा का एक मंत्री शामिल होगा। मीडिया रिपोटर््स के अनुसार, विधानसभा में विपक्ष नेता तामियो तागा जल्द ही खांडू कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। राज्य में भाजपा के 11 विधायक हैं और वह अब तक पीपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी। हालांकि अब पार्टी आलाकमान ने खांडू सरकार का हिस्सा बनने को हरी झंडी दे दी। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश देश का 14वां राज्य बन जाएगा, जहां भाजपा सरकार में है, वहीं क्षेत्रीय पार्टियों के साथ सरकार साझा करने वाला ये 6वां राज्य है।
भाजपा महासचिव राम माधव और अरुण सिंह शुक्रवार को यहां राजधानी में पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में भागीदारी करेंगे। माना जा रहा है कि इसी बैठक में तय होगा कि भाजपा को कौन से मंत्रालय मिलेंगे।
उल्लेखनीय कि पिछले महीने पेमा खांडू के साथ 43 विधायक कांग्रेस छोडक़र पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) में शामिल हो गए थे। अरुणाचल विधानसभा में कुल 60 सीटे हैं। इसमें पीपीए के 43, बीजेपी के 11 और कांग्रेस का सिर्फ एक सदस्य है। दो विधायक निर्दलीय हैं और तीन सीटें खाली हैं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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