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फिच रेटिंग का दावा- नोटबंदी के बाद जीडीपी के आंकड़े संदिग्ध

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अमेरिकी रेटिंग एजेंसी, फिच रेटिंग्स, नोटबंदी, नवीनतम वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, वित्तवर्ष 2016-17

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नई दिल्ली | अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ‘फिच रेटिंग्स’ ने भारत सरकार द्वारा जारी किए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के अग्रिम अनुमान के आंकड़ों पर आश्चर्य जताया, जिसमें दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में जीडीपी दर 7 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया है। एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी के कारण वास्तविक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, इसलिए सरकार का यह आंकड़ा वस्तुस्थिति से मेल नहीं खाता।

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फिच ने अपने नवीनतम वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) रिपोर्ट में कहा, “ये आंकड़े आश्चर्य में डालनेवाले हैं, क्योंकि नोटबंदी के बाद वास्तविक गतिविधियों के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उसमें मांग और सेवा गतिविधियों के कमजोर होने की बात कही गई है, ये मुख्यत: नकदी पर आधारित हैं। इसके विपरीत, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर-दिसंबर में निजी खपत में मजबूती आई थी (हालांकि सेवाओं के उत्पादन में काफी हद तक वृद्धि हुई है)”

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इस विसंगति का कारण आधिकारिक आंकड़ों में अनौपचारिक क्षेत्र पर पड़े नकारात्मक प्रभाव को दर्ज करने की अक्षमता हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया, “हालांकि, औपचारिक क्षेत्र भी आश्चर्यजनक रूप से मजबूत बना हुआ है। इससे यह संभावना बढ़ जाती है कि इन शुरुआती अनुमानों में नोटबंदी के प्रभाव को कम करके आंका गया हो, इसलिए आगे जारी होनेवाले आधिकारिक आंकड़ों में संशोधन की संभावना है।”

इसमें आगे कहा गया, “फिच का मानना है कि वित्तवर्ष 2016-17 में देश की जीडीपी 7.1 रहेगी, जबकि वित्तवर्ष 17-18 और वित्तवर्ष 18-19 दोनों में यह 7.7 फीसदी रहेगी।”

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने पिछले हफ्ते अनुमान लगाया था कि दिसंबर में समाप्त हुई तीसरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 30.28 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जिसमें पिछली तिमाही में 7.3 फीसदी की तुलना में 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। 2015-16 की इसी तिमाही में देश ने 28.31 लाख करोड़ रुपये का जीडीपी दर्ज किया था।

2016-17 के पूरे वित्तवर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.1 फीसदी लगाया गया है, जबकि वित्तवर्ष 2015-16 में यह 7.9 फीसदी थी। इस गिरावट के बावजूद सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है।

 

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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