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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान अब भी ‘खतरनाक स्थान’ : ओबामा

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वाशिंगटन| अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के अनुसार, अफगानिस्तान अब भी ‘खतरनाक स्थान’ है, जहां अमेरिकी सेना का 13 साल पुराना अभियान खत्म होने जा रहा है। अफगानिस्तान में समाप्त हो रहे अमेरिका के सैन्य अभियान पर राष्ट्रपति ने कहा, “अफगानिस्तान अब भी खतरनाक स्थान है। लेकिन यहां थोड़ी संख्या में जो अमेरिकी सैनिक मौजूद रहेंगे, वे अफगान सुरक्षा बलों को देश में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने के लिए प्रशिक्षित करेंगे और उन्हें सलाह एवं सहयोग देंगे।”

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल का अभियान अफगानिस्तान में समाप्त होने जा रहा है। इस संदर्भ में रविवार को काबुल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सैनिकों को सौंप दी गई।

अफगान सैनिकों को सहयोग देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता सेना के करीब 13,000 जवान वर्ष 2015 तक यहां रहेंगे, जिनमें से 10,800 अमेरिकी हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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