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लाइफ स्टाइल

अगर जीतना चाहते है किसी लड़की का दिल, तो अपनाए ‘डेटिंग’ का यह ईजी फार्मूला

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आजकल प्रेमी युगल अपने प्यार को नया आयाम देने के लिए बहुत से ट्रेंडी आप्शन अपनाते है। ऐसे में व्यक्ति अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ टहलना या घूमना, फिरना पसंद करते है और सबसे बढ़िया जो ट्रेंड सामने आ रहा है वो है ‘डेटिंग’।

डेटिंग का मतलब है दो दिलों का मेल होना। डेटिंग आज की युवा पीढ़ी की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है, और डेटिंग करना जरूरी भी है। डेटिंग इसलिए जरूरी है, क्योंकि इससे आपको वचनबद्धता के संबंध में बंधने से पहले अपने भावी साथी को बेहतर तरीके से जानने में मदद मिलती है।

ज्‍यादा डेट्स व्यक्ति के संयम की परीक्षा ले सकती हैं और तब आपके सामने आता है आपके साथी का असली रूप जिसे देखकर आपको यह तय करने में मदद मिलती है कि इसके साथ लम्बे समय का सम्बन्ध बनाया जाए या नहीं? आइए जानें रिलेशनशीप में डेट करना क्‍या जरूरी होता है।

डेटिंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान –

  • लोग अपनी पहली डेट में सबसे अच्छा व्यवहार करते हैं और बाद की डेट्स यह जानने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं कि व्यक्ति की असलियत कैसी है?
  • आपको अपने साथी को बेहतर समझने में और यह जानने में मदद कर सकती है कि क्या वह आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है या नहीं ?
  • बिना पहले से जाने-समझे सीधे किसी से लम्बी अवधि का सम्बन्ध कायम कर लेना मूर्खतापूर्ण कदम है, क्योंकि इससे बाद में दिल भी टूटते हैं और जब असलियत सामने आती है तब दूसरी परेशानियां भी खड़ी होती हैं।
  • डेटिंग मजबूत सम्बन्ध बनाने में मदद करती है।
  • डेटिंग की मदद से आप अपने साथी को समझ सकते हैं।
  • डेटिंग से आप खुश रहते है और हॉबी को बेहतर ढंग से इन्‍जॉय कर पाते हैं

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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