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अक्षय के पास कुछ ‘ऐसा’, जो खान तिकड़ी के पास नहीं : ट्विंकल

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Twinkle khannaमुंबई। लोकप्रिय चैट शो ‘कॉफी विद करण’ में अपनी पति और अभिनेता अक्षय कुमार के साथ के साथ पहुंची ट्विंकल खन्ना ने कहा है कि करण के साथ कॉफी पीना खतरनाक है। इस एपीसोड के प्रोमो में देखा गया कि अभिनेत्री से लेखक और इंटीरियर डिजाइनर बनीं ट्विंकल बिना किसी झिझक के करण के सवालों का जवाब दे रही हैं।

जब करण ने ट्विंकल से पूछा, ऐसा क्या है जो अक्षय के पास है, जो खान बंधुओं के पास नहीं। उन्होंने कहा, कुछ ज्यादा लंबाई। फिर उन्होंने टिप्पणी की, नीचे मत देखो, मेरा मतलब उनके पैरों से है।

ट्विंकल ने शो के बारे में ट्विटर पर अपना विचार साझा किया, करण के साथ कॉफी पीना खतरनाक है। करण हमेशा से इस शो में नामचीन फिल्मी हस्तियों से निजी सवाल करते आए हैं। करण ने कहा, अन्य की अपेक्षा मैं तुमसे ज्यादा डरा हुआ था। यह कार्यक्रम स्टार वल्र्ड और स्टार वल्र्ड एचडी पर प्रसारित होता है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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