प्रादेशिक
आजमगढ़ विश्वविद्यालय का नाम राजा सुहेलदेव के नाम पर
लखनऊ। पिछली सरकारों ने जिन महापुरुषों को भुला दिया, उन्हें योगी सरकार ने मान-सम्मान देने का काम किया है। योगी सरकार ने महापुरुषों के समाज में योगदान को अविस्मरणीय बनाने के लिए कई काम किए, वहीं पिछली सरकारों ने महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया है। योगी सरकार ने जहां महापुरुषों के नाम पर विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज और संस्थानों का नामकरण किया, वहीं बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
योगी सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में महापुरुषों और स्थानीय स्तर पर सम्मानित विभूतियों के गौरव के बढ़ाने का काम किया है। प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास के साथ उन लोगों के नाम को जोड़ा, जिन्होंने समाज को दिशा देने का काम किया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर में नौ मेडिकल कालेज का लोकार्पण किया।
इसमें देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र के नाम पर, प्रतापगढ़ में डाक्टर सोनेलाल पटेल के नाम पर, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी के नाम पर, फतेहपुर में महान योद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरियांव सिंह के नाम पर, जौनपुर में उमानाथ सिंह के नाम पर और सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर मेडिकल कालेज का नामकरण किया गया है।
हाल ही में आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्याय करते समय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने विश्वविद्यालय का नाम राजा सोहेल देव के नाम पर रखने की बात कही। पिछली सरकारों में जनजातियों की जहां उपेक्षा की जाती रही। उनके महापुरुषों का भी कोई नामलेवा नहीं था। वहीं योगी सरकार ने जनजातियों पर विशेष ध्यान दिया। बिरसा मुंडा के सम्मान में उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
योगी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत में ही महापुरुषों की जयंती पर स्कूलों में छुट्टी न करने और उनकी जयंती को मनाने की परम्परा शुरू की। इससे बच्चों को महापुरुषों के बारे में जानने का अवसर मिला। साथ ही बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना पैदा हुई। सरकार ने मान-सम्मान देने का काम किया है।
योगी सरकार ने महापुरुषों के समाज में योगदान को अविस्मरणीय बनाने के लिए कई काम किए, वहीं पिछली सरकारों ने महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया है। योगी सरकार ने जहां महापुरुषों के नाम पर विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज और संस्थानों का नामकरण किया, वहीं बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
योगी सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में महापुरुषों और स्थानीय स्तर पर सम्मानित विभूतियों के गौरव के बढ़ाने का काम किया है। प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास के साथ उन लोगों के नाम को जोड़ा, जिन्होंने समाज को दिशा देने का काम किया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर में नौ मेडिकल कालेज का लोकार्पण किया।
इसमें देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र के नाम पर, प्रतापगढ़ में डाक्टर सोनेलाल पटेल के नाम पर, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी के नाम पर, फतेहपुर में महान योद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरियांव सिंह के नाम पर, जौनपुर में उमानाथ सिंह के नाम पर और सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर मेडिकल कालेज का नामकरण किया गय़ा है।
हाल ही में आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्याय करते समय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने विश्वविद्यालय का नाम राजा सोहेल देव के नाम पर रखने की बात कही। पिछली सरकारों में जनजातियों की जहां उपेक्षा की जाती रही। उनके महापुरुषों का भी कोई नामलेवा नहीं था। वहीं योगी सरकार ने जनजातियों पर विशेष ध्यान दिया। बिरसा मुंडा के सम्मान में उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
योगी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत में ही महापुरुषों की जयंती पर स्कूलों में छुट्टी न करने और उनकी जयंती को मनाने की परम्परा शुरू की। इससे बच्चों को महापुरुषों के बारे में जानने का अवसर मिला। साथ ही बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना पैदा हुई।
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मध्य प्रदेश: विधायक हजारीलाल दांगी के पोते ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, LLB की कर रहा था पढ़ाई
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में खिलचीपुर से भाजपा विधायक हजारीलाल दांगी के पोते विजय दांगी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को उसके पास से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट के अनुसार उसका अपने दोस्त से विवाद चल रहा था, जिसके चलते उसने ये कदम उठाया है।
मृतक का नाम विजय बताया जा रहा है। सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि ‘मैं अपनी मर्जी से मर रहा हूं घरवालों को परेशान ना करें’, मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है। पुलिस के मुताबिक मृतक विजय की उम्र 19 साल बताई जा रही है।
मृतक विजय इंदौर के गांधी नगर थाना क्षेत्र में रहकर एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। सुसाइड के पीछे दोस्ती का कारण सामने आ रहा है। पुलिस के मुताबिक शव को सोमवार रात को ही पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पोस्टमार्टम के बाद विजय का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। यहां विधायक के रिश्तेदार भी पहुंच चुके हैं। विजय के परिवार जनों का रो रो कर बुरा हाल है, उन्हे समझ ही नहीं आ रहा उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। विजय ने अपने सुसाइड नोट में घर वालों से माफी मांगी है। विजय का एक बड़ा भाई और है जो एमबीए की पढ़ाई कर रहा है।
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