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प्रादेशिक

3टी नीति से संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में मिली सफलताः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के 3टी ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट अभियान के साथ-साथ अभिनव प्रयोग से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। विगत 24 घंटों में हुयी टेस्टिंग में 54 जिलों में एक भी संक्रमण का केस नहीं पाया गया है जबकि मात्र 21 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाये गये है। जनपद अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, हाथरस, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली और सोनभद्र कोविड से मुक्त है। इन जनपदों में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। उन्होंने बताया कि 3टी के कारण ही 30 अप्रैल, 2021 के एक्टिव मामले 3,10,783 घटकर अब 500 से कम हो गये है तथा 30 अप्रैल के प्रतिदिन नये कोविड केस 38 हजार से घटकर आज 33 रह गयी है। निगरानी समितियों द्वारा बड़ा अभियान चलाकर घर-घर लक्षणयुक्त लोगों की टेस्टिंग व इलाज कराया गया। सर्विलांस के माध्यम से 24 करोड़ की आबादी में 17.24 करोड़ से अधिक लोगो ने सरकारी मशीनरी तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम से सम्पर्क किया।

प्रदेश में सक्रिय मामले कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्ट करने की संख्या घटाई नहीं जा रही हैं। प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य प्रदेशों व विदेशों में जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में मामले आ रहे है वहीं प्रदेश में प्रतिदिन के मामलों की संख्या 33 रह गयी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां टेस्ट व टीकाकरण की संख्या अन्य प्रदेशों से सबसे ज्यादा है। प्रदेश में कल 02 लाख 38 हजार से अधिक टेस्ट हुये है तथा कल 08 लाख 07 हजार से अधिक डोज लगायी गयी है।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी स्वयं बाढ़ राहत कार्यों की निरन्तर समीक्षा कर रहे है। उन्होंने अभी तक हमीरपुर, जालौन, इटावा, वाराणसी जनपदों का स्वयं जाकर निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री जी स्वयं बाढ़ एक राहत कार्य की समीक्षा कर रहे है, इसी क्रम में उन्होंने आज बलिया और गाजीपुर का निरीक्षण किया है। बाढ़ से बचाव के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 982 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये है, 22,280 राशन किट बांटे गये तथा 2170 नावे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में संचालित करवायी गयी है। जिसमें 536 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया गया है।

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उत्तर प्रदेश

अवध शिल्प ग्राम में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रिया को गति देगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश में तीन यूनिटी मॉल के निर्माण का कार्य भी जारी है जिनमें लखनऊ, आगरा व वाराणसी मुख्य हैं। लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य निरंतर जारी है तथा इस प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए निविदा जारी कर दी हैं जिससे कार्यावंटन का मार्ग सुनिश्चित होगा।

पीएमसी निर्धारण से निर्माण प्रक्रिया में आएगी तेजी

योजना विभाग द्वारा अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए जिस पीएमसी को नियुक्त किया जाएगा वह कई मायने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। पीएमसी द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग और समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट्स न केवल इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण में निर्णायक सिद्ध होगी बल्कि इसके जरिए सभी निर्माण कार्यों को ट्रैक करने व उसी आधार पर कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से निविदा प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और जुलाई के पहले हफ्ते में कार्यावंटन हो जाएगा। कार्यावंटन के बाद 75 दिनों में कन्सलटेंसी को आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रस्तुत करना होगा जिस पर स्वीकृति के बाद 18 महीने में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) भी लागू रहेगा।

कई प्रकार के निर्माण कार्यों का मार्ग होगा सुनिश्चित

यूनिटी मॉल के निर्माण व विकास के लिए परियोजना के अंतर्गत कई संरचनात्मक कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।

200 नॉन एसी, 34 एसी शॉप्स का होगा निर्माण, 30 वर्ष की लीज पर होगा अलॉटमेंट

यूनिटी मॉल के विकास की जो कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है, उसके अनुसार परिसर में 200 नॉन एसी तथा 34 एसी शॉप्स का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिटी मॉल में एग्जिबिशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, फूड कोर्ट, वातानुकूलित एट्रियम, फायर एग्जिट समेत तमाम निर्माण कार्यों को पूर्ण जाएगा। 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए इस पूरी परियोजना पूर्ण किया जाएगा।

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