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व्हाट्सएप ने शुरू किया मल्टी फीचर, अब चार डिवाइस में एक साथ चल सकेगा ऐप
नई दिल्ली। फेसबुक के स्वामित्व वाला व्हाट्सएप अब एक ऐसी सुविधा शुरू कर रहा है, जिससे यूजर्स अपने अकाउंट को सेकेंडरी डिवाइस से लिंक कर सकेंगे और बिना प्राइमरी स्मार्टफोन के ऑनलाइन मैसेज भेजना और प्राप्त करना जारी रखेंगे।
जीएसएम एरीना की रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रॉइड और आईओएस दोनों संस्करणों पर व्हाट्सएप के सबसे हालिया अपडेट में यह सुविधा आधिकारिक तौर पर सभी व्हाट्सएप यूजर्स के लिए शुरू हो गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने स्मार्टफोन पर इस फीचर को इनेबल करते समय आपको फीचर को चुनना होगा – जिसे बीटा में स्टिल के रूप में लेबल किया गया है।
एक बार सक्षम होने के बाद, आप किसी नए डिवाइस से दोबारा लिंक करने से पहले सभी डिवाइस से अनलिंक हो जाएंगे। एक बार लिंक होने के बाद, यह काफी हद तक उसी तरह से व्यवहार करता है, सिवाय इसके कि आप चैट करने में सक्षम होंगे चाहे आपका मुख्य स्मार्टफोन ऑनलाइन हो या नहीं।
साथ ही, मैसेज और कॉल अभी भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है। लिंक किए गए डिवाइस मुख्य स्मार्टफोन के ऑफलाइन होने के 14 दिन बाद तक संदेश प्राप्त करने और भेजने में सक्षम होंगे।
इस फीचर को देखने के लिए व्हाट्सएप के लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करें और थ्री-डॉट मेन्यू पर टैप करें। फिर लिंक्ड डिवाइसेस पर टैप करें और फीचर को इनेबल करें।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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