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अन्तर्राष्ट्रीय

वाशिंगटन : शिखर सम्मेलन का केंद्र बिंदु परमाणु आतंकवाद का डर

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वाशिंगटन : शिखर सम्मेलन का केंद्र बिंदु परमाणु आतंकवाद का डर

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वाशिंगटन : शिखर सम्मेलन का केंद्र बिंदु परमाणु आतंकवाद का डर

वाशिंगटन| वाशिंगटन में गुरुवार शाम शुरू होने जा रहे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में परमाणु हथियार के इस्लामिक स्टेट (आईएस) या किसी अन्य आतंकवादी संगठन के हाथों में न चले जाने का डर मुख्य मुद्दा होगा। इस शिखर सम्मेलन में रूस को छोड़कर 50 देश शामिल हो रहे हैं। इस द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन की शुरुआत 2010 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रयास से हुई। उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में परमाणु अप्रसार को प्राथमिकता बनाने का संकल्प लिया था।

पिछले सप्ताह बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में आतंकवादी हमलों के बाद परमाणु हथियारों व सामग्रियों की सुरक्षा की कोशिशों को बल मिला है।

डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बेन रोडेस ने कहा कि परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन का आगाज गुरुवार शाम व्हाइट हाउस में होगा, जहां राष्ट्रपति बराक ओबामा व संबंधित राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल परमाणु आतंकवाद से संबंधित डर के बारे में अपना नजरिया साझा करेंगे।

उधर, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बुधवार को कहा कि दुनिया की महान परमाणु शक्तियों में से एक रूस प्रारंभिक चरण के दौरान इस शिखर सम्मेलन के कुछ मुद्दों और विषयों को लेकर उसे कोई खास तव्वजो न दिए जाने की वजह से विरोधस्वरूप इसमें शामिल नहीं हो रहा है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, ब्रिटेन के डेविड कैमरन, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप ताईप एरदोगन, यूक्रेन के पेट्रो पोरोशेंको और कजाकस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव इसमें शिरकत करेंगे।

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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