अन्तर्राष्ट्रीय
सऊदी अरब के खिलाफ युद्ध शुरू होगा : यमन के पूर्व राष्ट्रपति
सना। यमन के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह ने रविवार को सऊदी अरब के खिलाफ जल्द ही युद्ध शुरू करने का ऐलान किया। उन्होंने अपने समर्थकों से तब तक संघर्ष जारी रखने के लिए कहा जब तक कि सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना हवाई व जमीनी हमले न बंद कर दे।
सालेह ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्विट्जरलैंड में प्रायोजित शांति वार्ता में अपनी जनरल पीपुल्स पार्टी और हौती शिया समूह के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब को लंबी अवधि तक चलने वाले युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए, जो जल्द ही शुरू होगा।
उन्होंने जनवरी के मध्य में शुरू होने वाली संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित आगामी शांति वार्ता की ओर संकेत करते हुए कहा, “युद्ध रुकने पर ही हम सऊदी अरब से सीधी वार्ता करेंगे और यह वार्ता भी सीधे सऊदी अरब से होगी, न कि उनके ‘किराये के टट्टओं से।”
उन्होंने कहा, “युद्ध शुरू नहीं हुआ है। यदि सऊदी अरब और उनके पिछलग्गु (यमन सरकार) संयुक्त राष्ट्र या रूस के तत्वावधान में आयोजित शांति प्रक्रिया का समर्थन नहीं करते हैं तो यह जल्द ही शुरू होगा।”
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
-
नेशनल2 days ago
मणिशंकर अय्यर के पाक प्रेम पर बीजेपी का पलटवार, कही ये बात
-
नेशनल2 days ago
जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत
-
नेशनल2 days ago
मणिशंकर अय्यर का विवादित बयान, बोले- पाकिस्तान के पास एटम एटम, उसको इज्जत दे भारत
-
नेशनल2 days ago
महाराष्ट्र के नंदुरबार में बोले PM मोदी- राम को कांग्रेस भारत के विचार के खिलाफ बताती है
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
कन्नौज में राहुल-अखिलेश की संयुक्त रैली, बोले- यूपी में इंडी गठबंधन का तूफान आने वाला है
-
नेशनल2 days ago
खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा
-
नेशनल1 day ago
सीएम केजरीवाल ने पत्नी संग कनॉट प्लेस हनुमान मंदिर में की पूजा, भगवंत मान भी रहे मौजूद