अन्तर्राष्ट्रीय
सबसे अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंधों में से एक है भारत-अमेरिका संबंध: वेदांत पटेल
नई दिल्ली। भारत के दौरे पर आए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने भारत-अमेरिका संबंधों पर मुहर लगाई है। पटेल ने कहा कि दोनों देशों के संबंध “सबसे अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंधों में से एक” है।
रूस से तेल खरीदने पर दिया बयान
एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में पटेल ने कहा कि अमेरिका और भारत रक्षा और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में पसंदीदा भागीदार बन चुके हैं। रूस से भारतीय तेल खरीद के बारे उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश अपने निर्णय लेता है।
पटेल ने कहा कि हम तेल खरीदने से रोक नहीं सकते और अमेरिका तेल और गैस के दामों को नियंत्रित रखने के लिए सभी को बाजारों में अपना सामान बेचने के पक्ष में रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसा रूस के साथ नहीं है, वह केवल अपना लाभ चाहता है।
भारत से अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंध
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का उल्लेख करते हुए, पटेल ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय बहुत जीवंत है और पिछले 50-60 वर्षों में अमेरिका में अप्रवास इस तरह से हुआ है कि “अब हमारे पास भारतीय मूल के उपराष्ट्रपति हैं”।
पटेल ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के साथ अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध हमारे सबसे अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंधों में से एक हैं।
भारत-प्रशांत के लिए साझा दृष्टि
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि भारत कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हम एकसाथ है और मुक्त और खुले भारत-प्रशांत के लिए साझा दृष्टि रखते हैं।
पटेल ने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि हम दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और इसलिए हमारे बहुत सारे साझा मूल्य और साझा प्राथमिकताएं हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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