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VALENTINE DAY: लो आ गए प्यार के इजहार के दिन, DATESHEET के हिसाब से करें तैयारी

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नई दिल्ली। प्यार एक खूबसूरत एहसास है वैसे तो आपको अपना प्यार जाहिर करने के लिए किसी स्पेशल डेट या प्लान की जरुरत नहीं पड़नी चाहिए लेकिन, जैसे हर त्याहारों को मानाने का अपना एक अलग महीना और तारीखें तय होती है। ठीक वैसे प्यार जैसे पवित्र एहसास को महसूस करने के लिए भी कुछ स्पेशल दिन बनाए गए हैं।

तो जैसा की हम सभी फ़रवरी माह में आ चुके है तो, आप सभी को अब आने वाली इन डेटशीट्स के बारे में जान लेना चाहिए।

7 फरवरी रोज डे- प्यार की शुरुआत गुलाब का फूल देने से होती है। अपने पार्टनर को इस दिन रोज़ देना बिलकुल भी ना भूले।

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8 फरवरी प्रोपोज़ डे- अब अगर आप किसी से प्यार करते है तो जाहिर सी बात है उससे अपने प्यार का इज़हार तो करेंगे ही न। तो इस दिन आप अपने पार्टनर को आई लव यू तो जरूर कहे।

Image result for PROPOSE DAY9 फरवरी चॉकलेट डे- लड़कियों को सबसे ज्यादा चॉकलेट पसंद होती है तो आप अपनी गर्लफ्रेंड को इस दिन चॉकलेट जरूर खिलाए।

Image result for CHOCOLATE DAY10 फरवरी टेडी डे- बॉयफ्रेंड के बाद टेडी ही लड़कियों का साथी होता है तो इस दिन आप उन्हें टेडी जरूर गिफ्ट करे।

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11 फरवरी प्रॉमिस डे- प्यार में कपल्स के बीच आपस में विश्वास होना सबसे ज्यादा जरुरी होता है। इसलिए आप अपने पार्टनर से प्यार निभाने का वादा जरूर करे।

Image result for PROMISE DAY12 फरवरी हग डे- इस दिन अपने पार्टनर को गले लगाकर उसे महसूस करवाए कि आप उससे कितना प्यार करते है।

Image result for HUG DAY13 फरवरी किस डे- अपने पार्टनर को इस दिन किस करके उससे अपना प्यार जताए। किस करने से आपके और पार्टनर के बीच क़रीबिया भी बढ़ेंगी।

Image result for KISS DAY14 फरवरी वैलेंटाइन डे– और आखिर में प्यार को सेलिब्रेट करने वाला वो दिन आएगा जिसका सभी को बेसब्री से इन्तेजार था। जी हां। हम बात कर रहे है वैलेंटाइन्स डे जैसे उस खूबसरत पल की जिसका हर एक कपल को इन्तेजार होता है। तो जैसा की आप सभी जान चुके है प्यार की इन तारीखों के बारे में तो आप सभी भी अपने समवन स्पेशल के लिए तैयारियां करना शुरू कर दीजिये।

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उत्तर प्रदेश

अब एडवांस एमआरआई से ही स्लीप एपनिया का चलेगा पता

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लखनऊ 15 जून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार नवाचार और शोध पर जोर दे रहे हैं ताकि आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर प्रदेशवासियों को इसका लाभ दिया जा सके। इसी क्रम में सीबीएमआर शोधकर्ता और एसजीपीजीआई के प्रोफेसर ने एमआरआई तकनीक के जरिये स्लीप एपनिया (नींद के दौरान होने वाली समस्याएं) के एडवांस स्टेज का पता लगाने के लिए एक शोध किया, जो सफल रहा। इससे शोध से अब एडवांस एमआरआई से स्लीप एपनिया के एडवांस स्टेज का पता लगाया जा सकेगा। इसके जरिये मरीज का सही दिशा और सटीक इलाज हो सकेगा।

शोध में सिर की सूक्ष्म संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया

सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (सीबीएमआर) के शोधकर्ता डॉ. अहमद रजा खान ने एसजीपीजीआई के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर जिया हाशिम और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रोफेसर जफर नियाज के सहयोग से किए गए अध्ययन में एमआरआई तकनीक के जरिए ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के मस्तिष्क की सूक्ष्म संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया है। इस तकनीक से कुछ माइक्रोन से लेकर 20-30 माइक्रोन तक के ऊतक परिवर्तनों की जांच की जा सकती है, जो पारंपरिक एमआरआई माप से 100 से 1000 गुना अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। डॉ. अहमद ने बताया कि डिफ्यूजन एमआरआई ऊतकों में पानी के अणुओं के प्रसार को मापता है, जिससे ऊतक सूक्ष्म संरचना के बारे में जानकारी मिलती है। डिफ्यूजन एमआरआई में प्रगति, जैसे कि डिफ्यूजन कर्टोसिस इमेजिंग (डीकेआई), जटिल ऊतक वातावरण में गैर-गौसियन जल प्रसार व्यवहार की जांच करती है। बायोफिजिकल मॉडलिंग का उपयोग करते हुए, डीकेआई पैरामीटर एक्सोनल जल अंश जैसे श्वेत-पैरामीटर प्रदान कर सकते हैं। एक्सोन न्यूरॉन्स के ट्रंक हैं। इसलिए, ऐसी जानकारी (एक्सोनल जल अंश), मस्तिष्क में सेलुलर स्तर की न्यूरोनल संरचना को दर्शाती है।

चिकित्सीय रणनीति के विकास में होगा बड़ा योगदान

एसजीपीजीआई के प्रोफेसर ने बताया कि एमआरआई से ऐसी सेलुलर जानकारी (एक्सोनल जल अंश) की जांच करके, शोधकर्ता न्यूरोनल संरचना की अखंडता और रोग प्रबंधन के विभिन्न समय पर ओएसए से जुड़े संभावित परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अध्ययन के निष्कर्ष ओएसए वाले व्यक्तियों में देखी गई संज्ञानात्मक हानि और अन्य न्यूरोलॉजिकल परिणामों के अंतर्निहित न्यूरोबायोलॉजिकल तंत्र पर प्रकाश डालते हैं। इन तंत्रों को समझना ओएसए से संबंधित जटिलताओं के प्रबंधन के लिए बेहतर नैदानिक ​​और चिकित्सीय रणनीतियों के विकास में योगदान दे सकता है।

यह स्लीप एपनिया

स्लीप एपनिया एक व्यापक स्थिति है, जो सोते समय व्यक्ति की सांस को बाधित करती है। इसके कारण व्यक्ति केवल सांस लेने के लिए जागता है, जिससे उसकी नींद बाधित होती है और उसे आराम महसूस नहीं होता। समय के साथ, स्लीप एपनिया गंभीर या यहां तक ​​कि घातक जटिलताओं को जन्म दे सकता है, इसलिए शीघ्र निदान और उपचार महत्वपूर्ण है।

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