Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

यमुनोत्री धाम में मिलता है शनि, हनुमान और यम का विषेश आशीष

Published

on

यमुनोत्री धाम, शनि हनुमान और यम का विषेश आशीष

Loading

यमुनोत्री धाम, शनि हनुमान और यम का विषेश आशीष

uttarakhand yamunotri dham

बड़कोट। प्रसिद्व धाम यमुनोत्री के कपाट कल (आज) वैद्विक मन्त्रोचारण के साथ आम श्रद्वालुओं के लिए खुल जायेंगे। कपाट खुलने का दिन अक्षय तृतीया विषेश है। आज के दिन मां यमुना से मिलने सूर्य पुत्र यमराज, जो यमुना के भाई है और चचेरे भाई शनिदेव सहित गुरू भाई हनुमान मिलने आते हैं। यमुनोत्री धाम में आज के दिन स्नान व पूजा अर्चना करने मात्र से मां यमुना उसके जन्म जन्मान्तर के सभी पाप नष्ट कर देती है। और तो  और उसे सूर्य लोक की प्राप्ति होती है। मां यमुना के कपाट अक्षय तृतीया को हर वर्ष खुलते है और भैया दूज के दिन बन्द हो जाते है। देश विदेश के लाखों श्रद्वालु मां यमुना के दर्शन हेतु आते हैं और कपाट खुलने के दिन स्थानीय श्रद्वालु व हजारों की संख्या में देशी विदेशी श्रद्वालु आकर दर्शन करते है ।

मान्यता के अनुसार यमुनोत्री धाम चार धामांे में सबसे पहला दर्शनीय स्थल है। उत्तराखण्ड में जो भी श्रद्वालु आता है वह यहीं से अपनी यात्रा की शुरूआत करता है। मान्यता है कि यमुनोत्री धाम में मां यमुना के पास यमराज, शनिदेव और हनुमान हमेशा अक्षय तृतीय पर्व और भैयादूज पर्व पर मिलने आते हैं। आज के दिन जो भी श्रद्वालु यमुनोत्री धाम में आकर मां यमुना के दर्शन, पूजा अर्चना व स्नान करता है उसको यम यातनाओं से मुक्ती, शनिदेव की कुदृष्टि से निजात और भगवान हनुमान का विषेश आर्शिवाद मिलता है। यह भी मान्यता है कि शनिदेव यमुना के मायके खरसाली में विराजमान हैं तो यमुनोत्री धाम के ऊपर बन्दर पूंछ की चोटी में आज भी हनुमान जी तपस्यारत हैं।

यमुनोत्री धाम की बात करंे तो यहां पर सूर्य कुण्ड है जहां पर गर्म पानी (खौलता हुआ) में श्रद्वालु प्रसाद के रूप में चावल और आलू पकाकर अपने घर ले जाते हैं। श्रद्वालुओं को यहां पर दिव्य शिला के दर्शन भी होते हैं। और तो और तीर्थ पुरोहित यहीं पर पूजा अर्चना करवा कर श्रद्वालुओं को आर्शिवाद देते है। यहां पर महिला और पुरुषांे के लिए दो स्नान कुण्ड भी है। यमुनोत्री धाम के लिए जानकीचट्टी तक मोटर रोड़ की सुविधा है वही पांच किलो मीटर की दुर्गम खड़ी चढाई तय कर यात्रियों को आना होता है। मां यमुना की पूजा अर्चना छः माह यमुनोत्री धाम में होने के बाद भैया दूज के दिन कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जाते हैं। और मां की उत्सव डोली को दुल्हन की तरह सजा कर ढोल नगाड़ो व शंख ध्वनी के साथ खरसाली यानी खुशीमठ लाया जाता ह,ै जहां शीतकालीन यमुना मन्दिर में मां यमुना की भोग मूर्ति को रखा जाता है। यहीं पर खरसाली के उनियाल जाति के तीर्थ पुरोहित पूजा अर्चना करते हैं।

Continue Reading

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

Published

on

Loading

हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

Continue Reading

Trending