उत्तराखंड
राजभवन के आदेश के बिना रावत की ताजपोशी
देहरादून। नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में फिर सत्तासीन हुए हरीश रावत की इस ताजपोशी की कहानी भी अजीब है। न्यायालय का निर्णय हुआ, लेकिन राजभवन ने इस आदेश के अनुपालन के क्रम में सार्वजनिक रूप से कोई आदेश जारी नहीं किया और वहीं स्वतः ही सरकार ने कामकाज करना शुरू कर दिया। संवैधानिक तरीका यह है कि जब किसी राज्य में सरकार का गठन होता है तो उसका विधिवत आदेश राजभवन जारी करता है। उधर नैनीताल में उच्च न्यायालय ने आदेश किया और इधर देहरादून में सरकार ने स्वतः ही काम करना शुरू कर दिया। जब राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था तब भी मंत्रिमंडलीय सचिव की तरफ से एक औपचारिक आदेश हुआ था, जिसके तहत मुख्यमंत्री व उनके कैबिनेट सहयोगियों को कार्यमुक्त किया गया था।
राकेश शर्मा की वापसी सम्भव
अब जबकि उच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति शासन को खारिज कर दिया तो राजभवन या शासन की तरफ से अभी तक अधिकृत तौर पर यह आदेश सार्वजनिक नहीं किया गया कि न्यायालय के आदेश के क्रम में सरकार को बहाल कर दिया है। शासन में कोई बोलने को तैयार नहीं है और राजभवन ने देर शाम मुलाकात की जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की है उसमें हरीश रावत को निवर्तमान मुख्यमंत्री लिखा है। संवैधानिक तौर पर मुख्यमंत्री को सारी शक्ति संविधान से राज्यपाल के माध्यम से ही मिलती है। हरीश रावत के साथ ही पावरफुल ब्यूरोक्रेट के रूप में पहचाने जाने वाले रिटायर्ड आईएएस राकेश शर्मा की बहाली भी हो सकती है। कुछ ही दिन पहले वह राजस्व परिषद के चेयरमैन के पद से मुक्त किए गए थे। इससे पहले उन्होंने खुद ही सीएम के मुख्य प्रधान सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था।
माना जा रहा है कि राकेश शर्मा की वापसी भी जल्द होगी। उम्मीद यह है कि हरीश रावत बहुमत साबित करने के बाद ही इस तरह के मामलों में निर्णय लेंगे। राकेश शर्मा पिछली सरकार में हरीश रावत के खासमखास हाकिम थे। मुख्य सचिव के पद से रिटायर होने के बाद वह मनमुताबिक पद सृजित कराकर सीएम के मुख्य प्रधान सचिव बने। वह अपने पूरे समय काफी प्रभावशाली बने रहे। इसके अलावा अफसरों की एक खास लॉबी जो कि सीएम के लिए खास मानी जाती थी, उसे भी आक्सीजन मिली है। क्योंकि यदि कुछ और दिन सरकार नहीं बनती तो हालात बदलने के साथ ही व्यापक पैमाने पर तबादले होने प्रस्तावित थे, लेकिन फिलहाल अफसरों की इस लॉबी को राहत मिली है। हालांकि अभी सारी तस्वीर स्पष्ट होने के लिए 29 अप्रैल का इंतजार करना होगा।
उत्तराखंड
10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण
नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।
रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।
रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
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