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उत्तर प्रदेश

अमृत सरोवरों के विकास में पहले पायदान पर उप्र, योगी सरकार ने बना दिया मिशन

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यूपी में अबतक 8462 से अधिक अमृत सरोवर का हो चुका है विकास

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर को उप्र की योगी सरकार ने मिशन का रूप दे दिया है। इसी का नतीजा है कि अमृत सरोवर के निर्माण में देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उप्र पहले पायदान पर है।

उप्र 8 हजार से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण करके पहले स्थान पर है जबकि मप्र दूसरे, जम्मू-कश्मीर तीसरे, राजस्थान चौथे और तमिलनाडु पांचवे स्थान पर है। प्रदेश में लखीमपुर खीरी ने 256 अमृत सरोवर का निर्माण कर पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि गोरखपुर दूसरे और प्रतापगढ़ तीसरे स्थान पर है।

सरोवर के विकास में यूपी के आस-पास भी कोई अन्य राज्य नहीं

ग्राम्य विकास विभाग के निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश ने विभिन्न ग्राम पंचायत में 15497 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 8462 से अधिक अमृत सरोवर विकसित कर पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है जबकि देश के अन्य राज्यों में अमृत सरोवर के विकास का रेशियो आधा भी नहीं है।

अमृत सरोवर के विकास में मप्र दूसरे तो जम्मू कश्मीर तीसरे स्थान पर

मप्र ने 5994 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 1668 का काम पूरा कर देश में दूसरा स्थान हासिल किया है जबकि जम्मू कश्मीर तीसरे स्थान पर है। मप्र में 3705 अमृत सरोवर के विकास का काम चल रहा है।

आंकड़ों पर गौर करें तो मप्र ने जितने अमृत सरोवर को विकसित करने के लिए चिह्नित किया उससे कई गुना अधिक अमृत सरोवर का विकास उप्र कर चुका है। वहीं जम्मू कश्मीर 3699 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 1458 का काम पूरा कर देश में तीसरे स्थान पर है जबकि 406 अमृत सरोवर को विकसित करने पर काम चल रहा है।

इसके अलावा राजस्थान ने 5097 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 898 का काम पूरा कर देश में चौथे पायदान पर है जबकि 2385 पर काम चल रहा है। वहीं तमिलनाडु ने 3765 अमृत सरोवर का चिह्नित कर 818 का काम पूरा कर देश में पांचवां स्थान हासिल किया है जबकि 763 पर काम चल रहा है।

1 लाख 20 हजार अमृत सरोवर होने हैं विकसित

पूरे देश में उप्र ही ऐसा राज्य है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर का विकास कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है। इतना ही नहीं देश में उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा 1 लाख 20 हजार अमृत सरोवर का विकास होना है। इस आकड़े के आस-पास भी देश के अन्य राज्य नहीं हैं।

उप्र की अगर बात करें तो यहां लखीमपुर खीरी में 315 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 256 का काम पूरा कर प्रदेश में पहले स्थान पर है जबकि 25 पर काम चल रहा है। वहीं गारेखुपर में 312 अमृत सरोवर चिह्नित किए गए, जिसमें से 244 का काम पूरा कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि 18 पर काम चल रहा है। इसके साथ ही प्रतापगढ़ में 282 सरोवर चिह्नित किए गए, जिसमें से 231 का काम पूरा कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है शेष पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

75 अमृत सरोवर विकसित किए गए

ग्राम्य विकास के डायरेक्टर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहले चरण में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश के 75 जिलों में 75 अमृत सरोवर को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे समय से पहले पूरा कर लिया गया। अमृत सरोवर के विकास से ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।

इसके साथ ही किसानों की आय भी बढ़ी है। दरअसल, गांव में अमृत सरोवर के विकास से किसानों को सिंचाई की व्यवस्था आराम से मिल रही है। इसके अलावा ग्रामीण अमृत सरोवर में मछली पालन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं।

प्रियदर्शी ने बताया कि प्रथम चरण में अमृत सरोवर का विकास पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर दूसरे चरण में प्रदेश की सभी 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कम से कम 2 अमृत सरोवर (कुल 1 लाख 20 हजार) विकसित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसके सापेक्ष आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 7500 अमृत सरोवरों को विकसित किया गया।

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उत्तर प्रदेश

दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन

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नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।

उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।

पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।

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